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राष्ट्रपति शासन में अधिकारियों के खानापूर्ति वाले रवैये पर भी अंकुश लगा है। इस बात का ताजा उदाहरण बना है जोहड़ी-जाखन मार्ग। सड़क के पुनर्निर्माण व सुधारीकरण को लेकर वर्ल्ड बैंक की यूनिट ने जनवरी में टेंडर जारी किए थे। उस दौरान लोनिवि प्रांतीय खंड ने भी निर्माण कार्य का प्रस्ताव शासन को भेजा था, लेकिन वर्ल्ड बैंक के टेंडर को देखते हुए प्रस्ताव पर कार्रवाई नहीं की गई। वहीं, वर्ल्ड बैंक यूनिट ने बजट न होने का हवाला देते हुए टेंडर निरस्त कर दिए।
समाजसेवी व जोहड़ी गांव निवासी एसपी शर्मा ने राज्यपाल से सड़क निर्माण की मांग की थी। इसके क्रम में अब फिर से टेंडर जारी कर दिया गया। वर्ल्ड बैंक के मुख्य अभियंता की तरफ से आमंत्रित किए गए टेंडर को 17 मई को खोला जाएगा। 60.50 लाख रुपये के इस कार्य को पूरा करने के लिए छह माह का समय निर्धारित किया गया है।
समाजसेवी ने सड़क निर्माण के टेंडर होने पर खुशी व्यक्त करते हुए कहा कि यह सब राज्यपाल की वजह से ही संभव हुआ। निर्वाचित सरकार में अधिकारियों ने मनमाना रवैया अपनाते हुए टेंडर निरस्त कर दिया था और वर्ल्ड बैंक यूनिट अधिकारियों ने इसकी सूचना लोनिवि प्रांतीय खंड को भी नहीं भेजी। जिस कारण प्रांतीय खंड अपने प्रस्ताव पर भी कार्रवाई नहीं कर पाया।