राजनीतिक गुरु बनते जा रहे हैं स्वरूपानंद सरस्वती, कहा- रावत को देना चाहिए था समय

ब्यूरो

हाईकोर्ट के द्वारा उत्तराखंड से राष्ट्रपति शासन हटाये जाने सम्बन्धी फैसले से जितने प्रसन्न कॉंग्रेसी नहीं हुए, उससे कहें अधिक शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती खुश दिख रहे हैं। अपनी प्रसन्नता ज़ाहिर करते हुए स्वरूपानंद ने कहा कि केंद्र की मोदी सरकार राष्ट्रपति शासन को लेकर आतुर नज़र आई। उत्तराखंड से राष्ट्रपति शासन हटाये जाने संबंधी हाईकोर्ट के फैसले को शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानंद सरस्वती ने सही ठहराया है।

शंकराचार्य स्वरूपानन्द सरस्वती ने कल नैनीताल हाईकोर्ट का निर्णय आने के बाद कहा कि न्यायालय का फ़ैसला बिलकुल सही है। राज्य में हरीश रावत को अपना बहुमत सिद्ध करने का पर्याप्त समय देना चाहिए था। और अगर समय दिया जाता तो वे निश्चित ही अपना बहुमत सिद्ध कर लेते।

शंकराचार्य ने कहा, “देर नहीं हुई है, हरीश रावत बहुमत सिद्ध करेंगे और फिर से जनता के बीच आकर विकास के कार्यों को आगे बढ़ाया जाएगा। अभी चुनाव कराया जाना सही नहीं है। अभी चुनाव कराये जाने से करोड़ों रुपये खर्च होने के साथ भ्रष्टाचार भी होगा। हरीश रावत को शंकराचार्य ने गुरुमन्त्र दिया कि अब उन्हें सचेत रहकर अपने कार्यों को करना चाहिए।

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