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मुंबई सहित पूरे राज्य में बोगस डॉक्टर्स और लैब्स मरीजों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ कर रहे हैं। मरीजों की चिंता की जगह डॉक्टर्स और लैब मालिक अपनी दुकान चमकाने में मशगूल हैं। महाराष्ट्र असोसिएशन आॅफ प्रैक्टिसिंग पैथलॉजिस्ट एंड माइक्रोबायलॉजिस्ट द्वारा प्राप्त जानकारी के मुताबिक राज्य में 5 हजार से अधिक बोगस लैब है। इन बोगस लैब्स की सहायता से मरीजों के जीवन के साथ खिलवाड़ किया जा रहा है। स्वास्थ विभाग को जानकारी होने के बावजूद इन लैब्स पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही।
महाराष्ट्र मेडिकल काउन्सिल के अध्यक्ष किशोर टावरी ने कहा कि बोगस डॉक्टर और बोगस लैब्स से निपटने के लिए एंटी क्वेकरी सेल बनाया है, जो हर जिले के कलेक्टर की अध्यक्षता के तहत चलती है। इस सेल में हेल्थ आॅफिसर, विभागीय पुलिस आयुक्त जैसे सम्बंधित लोग हर शिकायत पर अपनी नजर बनाए रखते हैं। उन्होंने लोगों से आवाहन करते हुए कहा कि बोगस डॉक्टरों अथवा पैथलैब्स पर हमारे साथ लोग भी आगे आए जो अपनी शिकायत अपने कलेक्टर तक पंहुचा सकते हैं, जिससे यह सेल हमेशा एक्टिव होगा।
नियम का उलंघन-
नियमों के अनुसार पैथोलॉजी में पैथोलॉजिस्ट का होना अनिवार्य होता है, लेकिन कई पैथोलॉजी लैब्स में पैथोलॉजिस्ट का काम टेक्नीशियन ही कर रहे है। कई लैब्स में टेक्निशियनो से ही काम चलाया जा रहा है।
असोसिएशन का आरोप-
पैथोलॉजी असोसिएशन के कार्यकारी सदस्य डॉ.प्रसाद कुलकर्णी ने बताया कि बोगस लैबों की जानकारी उनको आरटीआई के जरिए मिली है, लेकिन शिकायत करने के बाद भी राज्य में पांच बोगस लैबों की पहचान कर ली गई है। लेकिन महाराष्ट्र मेडिकल काउंसिल ने अभी तक उनके खिलाफ कोई कार्यवाही नहीं की है।