ब्यूरो
गोधरा कांड का मास्टरमाइंड फारुख़ भाणा 14 साल बाद गुजरात एटीएस द्वारा कलोल से गिरफ्तार किया गया है। गोधरा स्टेशन पर वर्ष 2002 में ट्रेन जलाई गई थी, जिसके लिए फारुख़ ने ही केरोसिन उपलब्ध कराया था।
पुलिस को गोधरा का पार्षद रह चुके फारुख़ की पिछले 14 सालों से तलाश थी। पुलिस का दावा है कि कलोल टोल बूथ के पास से गुजरात एटीएस ने उसे पकड़ा है। भाणा पर हथियार मुहैया कराने का भी आरोप है।
कई सालों से फरार चल रहे भाणा के बारे में गुजरात पुलिस को गुप्त सूचना मिली थी। पुलिस का कहना है कि इस गिरफ्तारी के बाद मामले में कई नए खुलासे भी हो सकते हैं।
गौरतलब है कि 27 फरवरी 2002 को साबरमती एक्सप्रेस ट्रेन के s6 कोच को बंद करके यात्रियों को जिंदा जला दिया गया था जिसमें 59 लोगों की मौत हो गई थी। 1 मार्च 2011 को स्पेशल कोर्ट ने इस मामले में फैसला सुनाते हुए 11 को फांसी और 20 को उम्रकैद की सजा सुनाई थी।