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पूर्व लोकसभा स्पीकर पी. ए. सगमा का 69 साल की उम्र में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. साल 1996 में संयुक्त मोर्चा की सरकार के समय लोकसभा के अध्यक्ष रहे संगमा प्रणव मुखर्जी के खिलाफ राष्ट्रपति का चुनाव भी लड़े थे. संगमा के अचानक निधन से सभी राजनेताओं ने दुःख व्यक्त किया.
1 सितंबर, 1947 को जन्मे संगमा नार्थ ईस्ट के कद्दावर नेता थे. छठी लोकसभा में पहली बार तुरा सीट से चुन कर आए संगमा ने मेघालय के मुख्यमंत्री पद की जिम्मेदारी भी संभाली थी. उनके निधन पर कई नेताओं ने दुःख व्यक्त किया. नेता शरद पवार ने कहा कि संगमा अभी बिल्कुल स्वस्थ थे, उनके निधन की खबर चौंका देने वाली थी. भारत ने एक बेहतरीन नेता खो दिया, जिसकी भरपाई संभव नहीं.
सोनिया गांधी के नेतृत्व को चुनौती देने के कारण उन्हें शरद पवार और तारिक अनवर के साथ कांग्रेस पार्टी से 1999 में निकाल दिया गया था संगमा नैशनलिस्ट कांग्रेस पार्टी के संस्थापक सदस्यों में से थे, लेकिन बाद में पवार से भी उनकी नहीं बनी, जिसके बाद उन्होंने अपनी अलग पार्टी बना ली.