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पठानकोट में हुए हमले के पीछे अगर पाकिस्तानी सेना या आईएसआई का हाथ हुआ तो पाकिस्तान के साथ भविष्य में होने वाली सचिव स्तर की वार्ता रद्द कर दी जाएगी. सरकार पठानकोट में हुए हमले को लेकर विपक्ष के निशाने पर है और मुद्दे को लेकर काफी गंभीर भी. सूत्रों के मुताबिक़ सरकार हमले से जुड़े साक्ष्यों का विश्लेषण करेगी और जांच करेगी कि हमले में किसी तरह से पाकिस्तानी सेना और खुफिया एजेंसी आईएसआई का हाथ तो नहीं है.
पठानकोट में हुए आतंकी हमले को लेकर विपक्ष सरकार की लगातार आलोचना कर रही है. जिसको लेकर केंद्र सरकार काफी गंभीर है. सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक़, उच्च स्तर पर यह बात चल रही है कि अगर इस हमले में किसी तरह से पाकिस्तानी सेना या आईएसआई का हाथ हुआ तो पाकिस्तान के साथ भविष्य में होने वाली सचिव स्तर की बातचीत रद्द कर दी जाएगी. अगर जांच में पाकिस्तान का किसी भी तरह से हाथ नहीं पाया जाता और पाकिस्तान जांच में सहयोग करता है तो उसके साथ एफएस स्तर (सचिव स्तर) की वार्ता आगे की जाएगी.
गौरतलब है कि तीन दिन पहले पठानकोट वायु सेना स्टेशन पर आतंकी हमला हुआ था. सुरक्षा बलों ने कल एक और आतंकवादी को मार गिराया था. अब तक सात सुरक्षाकर्मी शहीद हुए हैं, जिसमें एनएसजी के एक लेफ्टिनेंट कर्नल शामिल हैं.
इस मामले में विपक्ष पूरी तरह से सरकार को घेरती नज़र आ रही है. इस मसले पर सोनिया गांधी ने कहा कि देश की आतंरिक सुरक्षा खतरे में है. जिसके लिए सरकार पूरी तरह से ज़िम्मेदार है.