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कॉन्डम, डायपर और सेनेटरी पैड्स की वजह से पर्यावरण को किसी तरह का नुकसान न हो, इसके लिए पर्यावरण मंत्रालय ने वेस्ट मैनेजमेंट के तहत एक अहम निर्देश जारी किया है। पर्यावरण मंत्रालय के निर्देश के अनुसार अब इन प्रोडक्ट्स को बनाने वाली कंपनियों को इनके साथ रैपर या पाउच भी देना होगा।
एक रिपोर्ट में मंत्रालय की समिति को पता चला कि कूड़ा बीनने वाले कर्मचारी इन प्रोडक्ट्स को छूने से इनकार करते पाए गए हैं, जिसके मद्देनज़र यह महतवपूर्ण निर्देश दिया गया है। पता चला कि कर्मचारियों का कहना है कि ये सभी प्रोडक्ट्स बिखरे हुए होते हैं, इसलिए वे इसे उठाते ही नहीं।
निर्देश में यह स्पष्ट किया गया है कि निर्माताओं को उपभोक्ताओं को यह बताना पड़ेगा कि इन चीजों को किस तरह समाप्त करना है। सिर्फ निर्माताओं ही नहीं बल्कि मार्केटिंग कंपनियों को भी इसपर काम करना होगा, जिससे ज़्यादा से ज़्यादा लोगों तक यह जानकारी पहुंचाई जा सके।
सेनिट्री वेस्टर को निपटाने की योजना को ‘एक्सटेंडेड प्रॉड्यूसर रिस्पॉन्सिबिलिटी’ कॉन्स्पेट के तहत अमल में लाया जाएगा। एक प्रतिष्ठित दैनिक के मुताबिक़ जो इन नियमों का पालन नहीं करेगा, उन्हें जुर्माना भी देना होगा।