ब्यूरो
मामला केरल के कोल्लम जिले का हैं, जहां दाह संस्कार करने के बाद एक युवक जिन्दा हुआ है। दरअसल पुत्तिंगल मंदिर हादसे में एक परिवार द्वारा मृत बेटे के शव को अस्पताल से लाकर अंतिम संस्कार कर दिया गया। हैरान कर देने वाली बात सामने तब आई जब उनके उसी बेटे का दाह संस्कार के बाद फोन आया कि हादसे में वो जीवित बच गया है।
अंग्रेजी अखबार की वेबसाईट हिन्दुस्तान टाइम्स के अनुसार, इस शख्स का नाम प्रमोद था। प्रमोद उसी ठेकेदार के लिए काम कर रहा था जिसने मंदिर में प्रतिबंधित आतिशबाजी का इन्तेजाम कर रखा था। मंदिर में इन पटाखों के फोड़े जाने पर हादसा हुआ था, जिसमे सौ से अधिक व्यक्तियों की मृत्यु हुई और अन्य सैकड़ों घायल हुए।
प्रमोद को अचेत हालत में अत्तिनगल हॉस्पिटल में भर्ती किया गया था, जहां से होश आने के बाद उसने अपने घरवालों को कॉल किया था। प्रमोद का फोन आने पर उसका दाह संस्कार कर चुके घरवालों के होश फाख्ता हो गये। परिवार वालों ने घटना स्थल से किसी अन्य मृत व्यक्ति के शव का दाह संस्कार कर डाला था जिसे वो अपना बेटा प्रमोद समझ रहे थे।