नारायण सिंह ‘रघुवंशी’ ब्यूरो, देहरादून
राज्य आंदोलनकारियों को दस फीसद आरक्षण, सम्मान, पेंशन, न्यायालय में लंबित मामलों का निस्तारण आदि मांग को लेकर उत्तराखंड राज्य आंदोलनकारी मंच ने रैली निकालकर विधानसभा के समक्ष प्रदर्शन किया। रिस्पना पुल बेरिकेड पर रोकने के बाद वे सड़क किनारे धरने पर बैठ गए।
इस मौके पर वक्ताओं ने कहा कि मुख्यमंत्री की पांच बार घोषणा के बाद भी अभी तक उनकी मांग पूरी नहीं की गई। इससे राज्य आंदोलनकारियों में रोष व्याप्त है। धरने पर ओमी उनियाल, वेद प्रकाश शर्मा, डीएस गुसांई, सत्य पोखरियाल, उर्मिला शर्मा, जगमोहन सिंह नेगी, प्रदीप कुकरेती, रामलाल खंडूरी आदि शामिल थे।
विधानसभा सत्र के दौरान अपनी मांग मनवाने को सरकार पर दबाब बनाने के लिए विभिन्न संगठन भी सड़कों पर उतर रहे हैं। इससे हरिद्वार रोड पर संगठनों के विधानसभा कूच करने से सड़क पर जाम लग रहा है। साथ ही जनता की भी फजीहत हो रही है।
स्वास्थ्य विभाग में कार्यरत आशा कार्यकत्रियों ने विभिन्न मांगों को लेकर परेड मैदान से विधानसभा के लिए कूच किया। विधानसभा से पहले रिस्पना पुल पर उनके जुलूस को पुलिस ने रोक दिया। इस पर उन्होंने सड़क पर ही प्रदर्शन किया।
इन मुख्य मांगों में एनजीओ को आशा कार्यकत्रियों का काम देने का विरोध, न्यूनतम वेतन निर्धारण, बोनस भुगतान आदि की मांग शामिल हैं। प्रदर्शनकारियों में आशा संगठन की अध्यक्षा शिवा दुबे, हंसी नेगी, रीता जोशी, लक्ष्मी यादव, पूनम नेगी, उषा रावत, सुमनलता आदि शामिल थीं।