AnujHanumatDwivedi@navpravah.com
देश की आजादी के सत्तर वर्ष पूरे होने को हैं और आज भी हमारे देश के ऐसे बहुत से गाँव हैं जहाँ बिजली और सड़क जैसी मूलभूत सुविधाएँ अभी तक नही पहुँची हैं ।ऐसा ही बुन्देलखण्ड का एक रानीपुर गाँव है जो चित्रकूट जिले के अंतर्गत आता है। जिला मुख्यालय से 40 किमी की दूरी पर स्थित यह गाँव इस लिए भी खास है क्योंकि गाँव के ग्रामीणों ने ठीक 27 वर्ष पहले सड़क निर्माण के लिए अपनी सीधी लड़ाई तत्कालीन लोकतान्त्रिक व्यवस्था के विरुद्ध लड़ी थी। सन् 1989 में ग्राम रानीपुर के ग्रामीणों ने रानीपुर-कल्याणगढ़ से मानिकपुर तक संपर्क मार्ग के लिए तत्कालीन विधानसभा चुनाव का बहिष्कार किया था। तदोपरांत सम्पर्क मार्ग पास हुआ एवं निर्माण कार्य भी शुरू हुआ था लेकिन आज तक पूरा नहीं हुआ।
आज उस लड़ाई को भले ही 27 वर्ष का समय हो गया हो पर आज भी उस गाँव की युवा पीढ़ी को अपने बाबा-दादा के संघर्ष के दिन याद हैं और गाँव की इस मौजूदा युवा पीढ़ी ने ठान लिया है की अब किसी भी हाल में ये सड़क निर्माण पूरा कराकर रहेंगे और वो भी 27 वर्ष पहले वाले तरीके से यानि ‘रोड नहीं तो वोट नहीं ‘ के तहत आने वाले विधानसभा चुनावों का बहिष्कार करके।
आपको बताते चले की ग्राम रानीपुर कल्याणगढ़ से मानिकपुर तक की दूरी मात्र 9 किमी की है और रास्ते में लगभग 4 किमी का रास्ता रानीपुर वन्य जीव बिहार से होकर जाता है जो की बहुत उबड़-खाबड़ है, जिसमें जंगली जानवरों एवं दस्युओं का खतरा बना रहता है। इस रास्ते से जिनवाह, कुबरी,कटरा,गिदुरहा आदि गाँवों के हजारों ग्रामीणजनों का आवागमन होता है। अतः इस संपर्क मार्ग का बनना अत्यंत आवश्यक है।
गाँव के ग्रामीणों का कहना है कि अगर संपर्क मार्ग को जल्द से जल्द नहीं बनवाया गया तो हम निरीह ग्रामीणजन अनशन,प्रदर्शन एवं आने वाले चुनावों का बहिष्कार करने को मजबूर होंगे । इस पूरे संघर्ष को नई गति देने वाले रानीपुर गाँव के युवा अभिलाष जायसवाल का कहना है कि समस्त ग्रामीणवासी एकजुट हैं और अगर 2017 विधानसभा चुनाव से पहले सड़क निर्माण नहीं हुआ तो पुनः ‘रोड नहीं तो वोट नहीं’ का आंदोलन किया जाएगा। अभिलाष बताते हैं,” हमने कुछ दिन पहले सैकड़ों ग्रामीणों के हस्ताक्षर सहित डीएम और एसडीएम को पत्र भी प्रेषित किया था पर इसके बावजूद भी अभी तक कुछ नहीं हुआ। पर अभी तक हम लोगों ने हार नहीं मानी है। हमारी लड़ाई तब तक जारी रहेगी जब तक की सड़क निर्माण पूरा न हो जाए।”