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एक ही परिवार के दो बच्चों समेत आधा दर्जन सदस्यों को मौत के घाट उतारने वाले चर्चित नरसंहार के मामले में न्यायालय ने 9 अभियुक्तों को मौत की सजा दी है। मामले के दो अभियुक्तों को उम्र कैद की सजा सुनाई गई है। लगभग 13 साल पहले तत्कालीन दस्यू सरगना ठोकिया, शंकर केवट और गुड्डा पटेल समेत 4 गैंग ने नरसंहार को अंजाम दिया था।
अभियोजन अधिकारी मनमोहन वर्मा ने बताया है कि 17 जुलाई 2003 को कर्वी कोतवाली के बगैहा मजरा घुरेटनपुर के निवासी राजू प्रसाद पटेल पुत्र छेदीलाल ने मामले में रिपोर्ट दर्ज कराई थी। पुलिस को दी गई तहरीर में उसने कहा था 17 जुलाई 2003 की सुबह लगभग 7 बजे 4 गैग्स ने उसके घर पर धावा बोला। परिजन जान बचाकर कमरों में भागे । बदमाशों ने अंधाधुंध फायरिंग कर चारों तरफ़ से घर को घेर लिया और आग लगा दी। इस दौरान उसके खेतों में हल चलाने वाले दुगवा निवासी बडका कोल और उससे मिलने आए दुगवा के ही कुटुवा गर्ग पुत्र रामेश्वर को गोली मार दी गई। जान बचाकर भाग रहे चचेरे भाई रामकिशोर पुत्र रहसबिहारी को भी गोलियों से भून दिया गया।
इधर घर में आग लगने के बाद बदमाशों ने दरवाजे की बाहर से कुंडी लगा दी। इससे आग से झुलस कर और धुएं से दम घुटने से उसके भाई प्रकाश की पत्नी चुन्नी व उसका तीन वर्षीय पुत्र, मध्यप्रदेश के सतना जिले के निवासी गीता की भी मौत हो गई। इस दौरान रामकृपाल व उसकी पुत्री बुद्दन, भोला , भगवानदास, नथुनिया और मुकेश, गौरा बुरी तरह से घायल हो गए। पीडित ने बताया कि बदमाश घरों के चारों ओर घूमकर गालियां दे रहे थे। उसने अपने भाई ओमनाथ बुल्ली और परिवार की औरतों और बच्चों के साथ छत से बदमाशों ईंट -पत्थर फेंके। इसी बीच बदमाशों मे से राममिलन उपाध्याय , हीरामन पण्डित, महेश्वरी पटेल, कमलेश, चुन्नी, कल्लू व बद्री, रामरूचि, रामानंद, मन्दी, भूरा, हीरालाल, ठोकिया, बेटा, सुभाष गर्ग, लखना, गुड्डा पटेल और शंकर केवट को पहचान लिया गया।
चीख पुकार पर चारों ओर से गांव के लोगों के आने की खबर लगने पर बदमाश फायर करते हुए भाग निकले। पुलिस के साथ शम्भू , हीरालाल प्रधान व कल्लू सहित अन्य गांव के लोगों ने बदमाशों की घेराबंदी करने की कोशिश की, किंतु बदमाश भागने में सफल रहे।
अपर जिला जज कक्ष संख्या 4 पुर्णेन्दु कुमार श्रीवास्तव ने इस मामले में बचाव और अभियोजन पक्ष के अधिवक्ताओं की दलीले सुनने के बाद शुक्रवार को निर्णय सुनाया। अभियुक्त राममिलन उपाध्याय, हीरेमनि पण्डित, महेश्वरी पटेल, कल्लू, बद्री, रामानन्द उर्फ दादू, भूरा, हीरालाल और सुभाष को फांसी की सजा सुनाई गई। जबकि अभियुक्त मन्दी और कमलेश को आजीवन कारावास की सजा दी गई।
भारी तादाद में रहा पुलिस पीएसी बल:
शनिवार को इस मामले का निर्णय आने के दौरान जिला कचहरी में भारी मजमा लगा रहा। 9 अभियुक्तों को फांसी के निर्णय के बाद न्यायालय परिसर में मौजूद उनके परिजनों ने रोना शुरू कर दिया। इस दौरान सुरक्षा के मद्देनजर न्यायालय परिसर में शहर कोतवाल रनवीर सिंह भारी तादाद में पुलिस व पीएसी बल के साथ मौजूद रहे।