जाति सूचक शब्द से आहत मेडिकल छात्रा ने की थी खुदकुशी, सुसाइड नोट में खुलासा

क्राइम डेस्क. नस्लीय टिप्पणी से परेशान होकर खुदकुशी करने वाली मेडिकल स्टुडेंट पायल ताडवी का तीन पेज सुसाइड नोट मिला है। इस सुसाइड नोट में पुलिस ने सनसनीखेज खुलासे होने का दावा किया। मुंबई के बीवाईएल नायर अस्पताल में उसके साथी छात्रों में जिस तरह से उसका मानसिक रूप से परेशान कर किया था उसे वह बहुत आहत हुई थी।

पुलिस के अनुसार, पायल के सुसाइड नोट में खुलासा हुआ है महीनों तक उसकी जाति का नाम लेकर उसे चिढ़ाया जाता था और इससे परेशान पायल को आखिरी में अपनी जान देनी पड़ी।

तीन पेज के सुसाइड नोट के आधार पर मुंबई पुलिस ने 1200 पेज की चार्जशीट तैयार की है। इस चार्जशीट में हेमा अहूजा, भक्ति मेहर और अंकिता खंडेलवाल को दोषी माना गया है। पायल ने अपने सुसाइड नोट में इन तीनों का नाम लिखा था। पायल ने लिखा था कि वह इन तीनों को हत्या के मजबूर करने का जिम्मेदारी मानती है।

आपको बता दें कि पायल ताडवी एक पिछड़े समुदाय ताडवी-भील समुदाय से थी। उसने जातिसूचक शब्दों से आहत होकर 22 मई को सुसाइड कर लिया था। इस घटना ने पूरे मेडिकल समुदाया को झकझोर दिया था। साथ ही एससी एसटी समुदाय में भी काफी रोष पैदा हुआ था। घटना के एक सप्ताह बाद मामले में तीन महिलाओं को गिरफ्तार कर लिया गया था।

पायल के माता पिता ने बताया था कि पायल कहा करती थी कि उसके डिपार्टमेंट में कोई भी उसे सपोर्ट नहीं करता जिससे कि उसका हरासमेंट न हो। “मैंने इस कॉलेज में एडमिलशन लिया था कि जिससे इस अच्छे संस्थान से कुछ सीख सकूंगी। लेकिन लोग यहां अपना रंग दिखाने लगे। शुरू में हमने कुछ लोगों को जवाब नहीं दिया, लेकिन जब बात हद से बाहर हो गई तो आरोपियों खिलाफ विभाग में शिकायत की लेकिन कोई परिणाम नहीं निकला।

पायल ने सुसाइड लेटर में लिखा कि इन तीनों से तय कर लिया था कि जब वह वे यहां रहेंगे तब तक ताडवी को कुछ भी सीखने नहीं दिया जाएगा। उसकी दूसरी जगह ड्यूटी लगवा दी गई थी जिससे कि वह गाइन्कोलॉजिस्ट का काम न सीख पाए। ‘मुझे पिछले तीन सप्ताह से लेबर रूम जाने से रोक दिया गया था क्योंकि उन्हें लगता था कि मैं योग्य नहीं हूं। उन्होंने मुझे कम्प्यूटर पर मरीज रजिस्ट्रेशन करने काम दे दिया था जो कि एक क्लर्कियल जॉब है। वे लोग मुझे मरीज नहीं देखने देते थे।’

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