लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार के मंत्रिमंडल विस्तार के बाद पहली बार आज लोकभवन में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट बैठक हुई। जिसमें 6 महत्वपूर्ण फैसलों पर मुहर लगी।
जहां महेंद्र सिंह, भूपेंद्र चौधरी, सुरेश राणा, अनिल राजभर, कमला रानी वरुण और रामनरेश अग्निहोत्री कैबिनेट मंत्री के तौर पर पहली बार बैठक में शामिल हुए। इसमें कई अहम प्रस्तावों पर कैबिनेट की मुहर लगी।
योगी कैबिनेट में इन 6 महत्वपूर्ण फैसलों पर लगी मुहर
लखनऊ में अटल बिहारी बाजपेयी चिकित्सा विश्विद्यालय के लिए 50 एकड़ जमीन उपलब्ध कराने का प्रस्ताव हुआ मंजूर।
मुरादाबाद की कांठ तहसील में बस स्टेशन के निर्माण के लिए जमीन उपलब्ध कराने के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई, 3।5 करोड़ की लागत से बनेगा नया बस स्टेशन।
सूचना विभाग के संयुक्त निदेशक सैयद अमजद हुसैन को भ्रष्टाचार के मामले में दोषी पाए जाने पर वापस मूल पद पर भेजे जाने के प्रस्ताव को कैबिनेट की मंजूरी मिली।
पंचम राज्य वित्त आयोग की संस्तुतियों पर विचार करने के लिए गठित समिति के पुनर्गठन से संबंधित प्रस्ताव को मिली मंजूरी।
यूपी विधानमंडल के मौजूदा सत्र के सत्रावसान के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई।
निगमों, विभागों, आयोगों में गैर-सरकारी अध्यक्षों को आवासीय भत्ता 10 हज़ार देने के प्रस्ताव को मिली मंजूरी।
22 अगस्त को हुआ था योगी मंत्रिमंडल का विस्तार
योगी आदित्यनाथ सरकार का पहला मंत्रिमंडल विस्तार 22 अगस्त को हुआ। उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार के पहले कैबिनेट विस्तार में 23 विधायकों को मंत्रीपद की शपथ दिलाई गई। जिनमें से 6 को कैबिनेट मंत्री, 6 को राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार और 11 को राज्यमंत्री के रूप में राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने पद एवं गोपनीयता के रूप में शपथ दिलाई।
कैबिनेट मंत्री बनाए गए 6 में से 4 पूर्व राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार रहे जिनका प्रमोशन किया गया। वहीं 2 नए चेहरे योगी कैबिनेट में शामिल हुए। राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार में 5 नए चेहरों को जगह दी गई है। वहीं एक राज्यमंत्री का प्रमोशन करके उन्हें राज्यमंत्री स्वतंत्र प्रभार बनाया गया। राज्यमंत्री के रूप में 11 नए चेहरे मंत्री बनाए गए हैं।