लखनऊ। प्रगतिशील समाजवादी पार्टी (लोहिया) के मुखिया शिवपाल सिंह यादव को समाजवादी पार्टी ने बड़ा झटका दिया है। समाजवादी पार्टी ने इटावा के जसवंतनगर से विधायक शिवपाल सिंह को दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य ठहराया है। जसवंतनगर से मुलायम सिंह यादव विधायक हुआ करते थे, उनके लोकसभा सदस्य बनने के बाद से शिवपाल सिंह यादव 1996 से वहां से लगातार विधानसभा सदस्य हैं।
सपा ने उत्तर प्रदेश विधान सभा के सदस्य पद से शिवपाल सिंह यादव को दलबदल विरोधी कानून के तहत अयोग्य ठहराया है। शिवपाल सिंह यादव इटावा के जसवंत नगर से सपा के टिकट पर विधायक हैं। काफी समय भतीजे अखिलेश चाचा शिवपाल के खिलाफ ऐसा कोई सख्त एक्शन लेना चाहते थे। अब उन्होंने शिवपाल सिंह यादव की विधायकी को खत्म करने की चाल चल दी है।
2017 में यूपी विधानसभा चुनावों के समय से ही मुलायम सिंह यादव के कुनबे में बिखराव शुरू हो गया था। इस टकराव का नजीता ये हुआ कि शिवपाल को सपा छोडऩी पड़ी और उन्होंने अपनी अलग पार्टी बना ली। लोकसभा चुनावों 2019 में शिवपाल ने भतीजे और भाई के खिलाफ ताल ठोंका था। शिवपाल की पार्टी को एक भी सीट नहीं मिली। शिवपाल सिंह यादव खुद फिरोजाबाद से लोकसभा का चुनाव हार गए थे।
निशाने पर शिवपाल की विधायकी
सपा की आंतरिक कलह के बाद अब निशाने पर शिवपाल यादव की विधायकी है। सपा की ओर से विधानसभा में दलनेता रामगोविंद चौधरी ने दलबदल कानून के तहत शिवपाल यादव की सदस्यता को समाप्त करने की मांग की है। विधानसभा अध्यक्ष को लिखे पत्र में चौधरी ने उत्तर प्रदेश विधानसभा सदस्य (दल परिवर्तन के आधार पर निरर्हता) नियमावली 1987 के नियम 7 के अंतर्गत शिवपाल सिंह यादव के विरुद्ध कार्रवाई की मांग की गयी है।
नोटिस जारी होगा
दलबदल कानून के तहत शिवपाल की सदस्यता खत्म होना तय है। प्रमुख सचिव विधानसभा प्रदीप दुबे का कहना है कि इस बारे में नोटिस जारी करके आगे सुनवाई होगी। उधर विधानसभा की सदस्यता समाप्त करने की याचिका पर शिवपाल यादव की ओर कोई टिप्पणी नहीं की गई है।