बिहार : कृषि बिल के विरोध में राजद का शक्ति प्रदर्शन; तेजस्वी ने चलाया ट्रैक्टर

न्यूज़ डेस्क | नवप्रवाह न्यूज़ नेटवर्क

बिहार में होनेवाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए राजद को कृषि बिल के रूप में एक मुद्दा मिल गया है. चुनाव के पहले कृषि बिल के खिलाफ राजद ने किसानों के विरोध प्रदर्शन को समर्थन दिया है. इसके बहाने राजद को विधानसभा चुनाव से पहले शक्ति प्रदर्शन का भी मौका मिला है. पार्टी यह दिखाने की कोशिश कर रही है कि बिहार के लोगों का कितना अधिक समर्थन उसे प्राप्त है. राजद नेता तेजस्वी यादव खुद ट्रैक्टर चला रहे हैं और उनके पीछे समर्थक नारे लगाते हुए चल रहे हैं. तेजस्वी के पीछे 50 से अधिक ट्रैक्टर का काफिला चल रहा है.

तेजस ने किसान बिल को किसान विरोधी बताया
तेजस्वी ने कहा कि केंद्र की सरकार ने अन्नदाताओं को अपने फंड दाता की कठपुतली बना दी है. यह बिल किसान विरोधी है. इससे किसान लाचार, हताश, निराश और टूट चुका है. यह सरकार तो कहती थी कि 2022 तक किसानों की आय दोगुना करेंगे. इससे किसानों का आय बढ़ना तो दूर वे और गरीब हो जाएंगे. डबल इंजन की इस सरकार ने कोई ऐसा सेक्टर नहीं छोड़ा है जिसका निजीकरण न किया हो. एक कृषि क्षेत्र बचा था उसका भी निजीकरण कर दिया गया.

नीतीश कुमार ने खत्म की बाजार समितियां, किसानों को करना पड़ा पलायन
इस विधेयक में एमएसपी (न्यूनतम समर्थन मूल्य) का कहीं कोई जिक्र नहीं है. बिहार ऐसा पहला राज्य है जहां 2006 में नीतीश कुमार ने एपीएमसी को रद्द कर दिया था. बाजार समितियों को खत्म कर दिया, जिससे बिहार का किसान गरीब से गरीब होता गया और पलायन करने की स्थिति आई. नीतीश कुमार ने हर बार की तरह इस बार भी यू-टर्न मारा है. चाहे नोटबंदी हो, सीएए व एनआरसी हो या किसान बिल हो. जदयू ने पहले कहा था कि इस विधेयक में एमएसपी का जिक्र होना चाहिए. मैं नीतीश कुमार से पूछना चाहता हूं कि बिहार में एमएसपी क्यों नहीं है? नीतीश दूसरों के बारे में कहते हैं कि उसे ज्ञान नहीं है. ऐसा लगता है कि उन्हें ही ज्ञान नहीं है. अपने आप को वह सर्व ज्ञानी मानते हैं. बताएं कि नीतीश कुमार कृषि बिल के विधेयक तीन को पढ़े हैं या नहीं पढ़े हैं?

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