जयपुर ।। राजस्थान सरकार के पास बजट की कमी के चलते सरकारी विभागों के लेन-देन अटके हुए हैं। वहीं किसानों को कर्जमाफी का ऋण चुकाने से हालत और भी खराब होती जा रही है। ऐसे में गहलोत सरकार अपने खाली खजाने को भरने के लिए कर बढ़ाती जा रही है।
एक जुलाई से गहलोत सरकार ने बियर पर तत्काल असर से 15 फीसदी कर बढ़ा दिया है। बीयर पर ये कर बढ़ोतरी 3 महीने में दूसरी बार की गई है। इससे पहले अप्रैल में जब गहलोत सरकार ने कर बढ़ाया था, तब बियर के भाव 13 प्रतिशत बढ़ गए थे।
कर्जमाफी के निर्णय के बाद से तंगी के दौर से गुजर रही गहलोत सरकार ने खजाने में रुपया जुटाने के लिए सोमवार से ही बढ़ा हुआ कर वसूलना शुरू कर दिया है। इसी तरह से बिजली विभाग ने भी प्रदेश के उपभोक्ताओं को बिजली पर फ्यूल सरचार्ज के नाम पर 8 से 15 प्रतिशत ज्यादा रुपया वसूलना शुरू कर दिया है। पिछले महीने ही आरईआरसी ने फ्यूल सरचार्ज राशि 55 पैसे प्रति यूनिट करने को मंजूरी दी थी।
गहलोत सरकार की बिजली कंपनियां इस सरचार्ज के जरिए लगभग 400 करोड़ रुपए वसूलने की तैयारी में हैं। नियामक आयोग के निर्देश पर ईधन सरचार्ज पहले बिजली खरीद की 10 फीसदी तक वसूल सकते थे लेकिन अब इसे बढ़ाकर 15% कर दिया गया है और इसी के साथ अब बिजली ग्राहकों पर 55 पैसे प्रति यूनिट के हिसाब से मार पड़ने वाली है।