लखनऊ। सहयोगी सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के अध्यक्ष और योगी सरकार के मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने सीधा मोर्चा खोल दिया है। भाजपा के खिलाफ अपने उम्मीदवार उतारने वाले राजभर ने गाली तक दी। उन पर मुकदमा दर्ज हो गया है और संकेत मिल रहे कि अब भाजपा उन्हें ढोने के मूड में नहीं है। देर-सवेर बर्खास्तगी हो सकती है।
भाजपा को लोकसभा चुनाव में जितनी मुश्किल विपक्ष से नहीं हुई, उससे ज्यादा टीस सुभासपा अध्यक्ष और योगी सरकार के मंत्री ओमप्रकाश राजभर ने दी है। लोकसभा चुनाव में राजभर ने पूर्वांचल की पांच सीटें मांगी लेकिन, भाजपा ने एक भी सीट नहीं दी।
भाजपा ने राजभर की पसंदीदा सीट घोसी सीट देने की पेशकश जरूर की लेकिन, शर्त यह थी कि वह भाजपा के सिंबल पर लड़ें। यह शर्त ठुकराकर राजभर ने ताल ठोंक दी और फिर पांचवें, छठे और सातवें चरण में 39 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतार दिए। इनमें 22 सीटों पर सुभासपा उम्मीदवारों के नामांकन वैध पाये गए और राजभर ने अपने हर उम्मीदवार के मंच पर भाजपा की ऐसी की तैसी की।
घोसी संसदीय क्षेत्र की एक सभा में तो वह भाजपा को गाली देते सुने गए और उन पर मुकदमा भी दर्ज हुआ। भाजपा कार्यकर्ताओं का कहना है कि अब तो हद हो गई। हमारा नुकसान करने के लिए राजभर के पास जितनी शक्ति लगानी थी, लगा दिए तो फिर अब क्या बचा है। पर, नेताओं के बीच अभी मंथन हो रहा है। राज्य सरकार के प्रवक्ता और स्वास्थ्य मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने तो हमेशा राजभर को गठबंधन धर्म की नसीहत दी है। उप मुख्यमंत्री डॉ। दिनेश शर्मा तो शीर्ष नेतृत्व तक उन्हें लेकर गए कि गठबंधन बना रहे लेकिन, बात नहीं बनी।