मुंबई। छत्रपति शिवाजी टर्मिनस रेलवे स्टेशन के पास 14 मार्च 2019 में हुए फुट ओवरब्रिज गिरने के मामले में गिरफ्तार ऑडिटर नीरज देसाई और तीन अन्य बीएमसी इंजीनियरों को 50-50 हजार के निजी मुचलके पर जमानत दे दी है। बृहन्मुंबई नगर निगम (बीएमसी) की प्रारंभिक रिपोर्ट में सेफ्टी ऑडिट में लापरवाही सामने आई थी। हादसे में 7 लोगों की मौत हो गई थी और 30 से अधिक लोग घायल हुए थे।
फुटओवर ब्रिज के ऑडिटर नीरज देसाई पिछले 9 महीने से जेल में बंद हैं। मार्च में ही बीएमसी के कार्यकारी अभियंता अनिल पाटिल, सहायक अभियंता संदीप काकुल्ले और मुख्य अभियंता (पुल विभाग) शीतल प्रसाद कोरी को भारतीय दंड संहिता की धाराओं के तहत गिरफ्तार किया गया था। इन सभी को भी जमानत दे दी गई है।
बचाव पक्ष की दलील
नीरज देसाई ने अपने वकील दीपक सालवी के माध्यम से अदालत में दलील दी थी कि ऑडिट पूरा करने से पहले ही एफओबी को बिना उनकी जानकारी के नवीनीकृत कर दिया गया था। सालवी ने कहा, “देसाई की ऑडिट रिपोर्ट पेश किए जाने के बाद सौंदर्यीकरण का काम किया गया था और लगभग 300 लोगों के वजन के बराबर 14,000 किलोग्राम का अतरिक्त भार पुल में जोड़ा गया था।” उन्होंने कहा कि नवीनीकरण के लिए उपयोग की जाने वाली ग्रेनाइट टाइलें भार की वजह से ढह गईं।