लखनऊ। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी बुधवार को लखनऊ स्थित लोकभवन पहुंचे। जहां पीएम मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की 25 फिट ऊंची प्रतिमा का अनावरण किया और इसके बाद कार्यक्रम को संबोधित भी किया। इस दौरान पीएम मोदी ने नागरिकता कानून के विरोध पर हिंसा करने वालों का जिक्र करते हुए कहा कि यूपी में कुछ लोगों ने विरोध प्रदर्शन के नाम पर हिंसा की। वे खुद से सवाल पूछें कि क्या उनका यह रास्ता सही था?
लोकभवन स्थित पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की प्रतिमा का अनावरण के बाद प्रधानमंत्री ने कहा कि यहां आने से पहले मैं दिल्ली में अटल भूजल योजना की शुरुआत कर रहा था। इस योजना के तहत यूपी सहित देश के सात राज्यों में भूजल के स्तर को सुधारने के लिए काम किया जाएगा। प्रधानमंत्री ने कहा कि हमारी सरकार का विजन यूपी सहित देशभर के हेल्थ सेक्टर के विकास के लिए साफ है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि हमारा प्रयास है कि सरकार उलझाने की बजाय सुलझाने का माध्यम बने।
प्रधानमंत्री ने संशोधित नागरिकता कानून के खिलाफ उत्तर प्रदेश के कई जिलों में हुए हिंसक प्रदर्शनों का जिक्र करते हुए कहा ‘यूपी में कुछ लोगों ने विरोध प्रर्दान के नाम पर हिंसा की। वे खुद से सवाल पूछें कि क्या उनका यह रास्ता सही था? जो कुछ जलाया गया क्या वह उनके बच्चों के काम नहीं आने वाला था? हिंसा में जिन लोगों की मृत्यु हुई, जो लोग जख्मी हुए उनके परिवार पर क्या बीती होगी। मैं अफवाहों में आकर सरकारी सम्पत्ति को तोड़ने वालों से आग्रह करूंगा कि सार्वजनिक संपत्ति को बचाकर रखना उनका भी दायित्व है।
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि अटल जी कहते थे कि जीवन को टुकड़ों में नहीं देखा जा सकता, उसको समग्रता में देखना होगा। यही बात सरकार के लिए भी सत्य है, सुशासन के लिए भी सत्य है। सुशासन भी तब तक संभव नहीं है, जब तक हम समस्याओं को संपूर्णता में, समग्रता में नहीं सोचेंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि देश अब दस्तावेजों के सत्यापन के दौर से बाहर निकल रहा है। आज अधिकतर सरकारी सेवाओं को ऑनलाइन या डिजिटल कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार का दायित्व है कि वह पांच साल के लिए नहीं बल्कि पांच पीढियों को ध्यान में रखते हुए अपना काम करने की आदत बनाए।