लखनऊ. उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने भाजपा विधायक कृष्णानंद राय हत्याकांड में सीबीआई अदालत के फैसले का संज्ञान लिया है। सरकारी प्रवक्ता ने बताया कि इस मामले में सरकार फैसले का गंभीरता से अध्ययन करेगी और हाईकोर्ट में अपील की जाएगी।
कृष्णानंद राय हत्याकांड में सीबीआई दिल्ली की अदालत ने विधायक मुख्तार अंसारी, उनके भाई अफज़ाल अंसारी समेत कई अभियुक्तों को बरी कर दिया है। ऐसा गवाहों के मुकरने के चलते साक्ष्य न होने के कारण किया गया है। सूत्रों का कहना है कि यह भी जांच की जाएगी कि गवाहों की किन कारणों से मौत हुई और कुछ गवाह क्यों मुकर गए।
2014 में केस दिल्ली ट्रांसफर हुआ
कृष्णानंद राय की पत्नी अलका राय की याचिका पर फैसला सुनाते हुए सुप्रीम कोर्ट ने 2014 में हत्याकांड का पूरा मामला दिल्ली टांसफर कर दिया। सबसे पहले इसे दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट लाया गया। यहां ट्रायल शुरू हुआ और गवाहियां भी हुईं।
इसी बीच सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया कि प्रदेश के माननीय के मुकदमे दिल्ली की पटियाला हाउस कोर्ट में चलेंगे। इसे देखते हुए केस पटियाला हाउस कोर्ट पहुंच गया। वहां से तीन महीने पहले बनी नई कोर्ट राउस एवेन्यू मामला पहुंचा और बुधवार को फैसला आ गया। इस दौरान 48 गवाहियां हुईं।