प्रयागराज. बहुचर्चित जवाहर यादव उर्फ पंडित हत्याकांड में एडीजे पंचम बद्री विशाल पांडेय की अदालत ने सोमवार को फैसला सुनाया है। पूर्व सांसद कपिल मुनि करवरिया, उनके भाई पूर्व विधायक उदयभान करवरिया, सूरजभान करवरिया और रिश्तेदार रामचंद्र उर्फ कल्लू को आजीवन कारावास की सजा दी गई है। अदालत ने सात लाख 20 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया है।
बीते 31 अक्टूबर को इन सभी आरोपियों पर अदालत ने दोष सिद्ध किया था। सजा सुनाने के लिए आज यानि 4 नवंबर की तारीख तय की थी। सजा का ऐलान होने के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच चारों आरोपियों को नैनी सेंट्रल जेल भ्मभेज दिया गया।
पहली बार एके-47 का हुआ था प्रयोग
13 अगस्त 1996 में सिविल लाइंस में तत्कालीन सपा विधायक जवाहर यादव उर्फ पंडित की हत्या हुई थी। इस हत्याकांड में पहली बार एके-47 का इस्तेमाल किया गया था। हमले में पूर्व विधायक के अलावा उनके ड्राइवर गुलाब यादव व राहगीर कमल कुमार दीक्षित की भी मौत हुई थी।
इस हत्याकांड के चश्मदीद गवाह पंडित के सगे भाई सुलाकी यादव ने केस दर्ज कराया था। प्रकरण में बसपा के पूर्व सांसद कपिल मुनि करवरिया, भाजपा के पूर्व विधायक उदयभान करवरिया, पूर्व एमएलसी सूरजभान करवरिया और रामचंद्र त्रिपाठी को अभियुक्त बनाया गया था।
चार साल चली सुनवाई
हत्याकांड की जांच शुरू में सिविल लाइंस पुलिस और उसके बाद सीबीसीआईडी इलाहाबाद, लखनऊ व वाराणसी शाखा ने की थी। सीबीसीआईडी ने आरोप पत्र दाखिल किया था, लेकिन हाईकोर्ट के स्थगन आदेश के चलते मुकदमे की कार्रवाई 2015 से शुरू हो सकी। उसी समय करवरिया बंधुओं ने सरेंडर किया था। करीब चार साल चली नियमित सुनवाई के बाद कोर्ट ने 31 अक्टूबर को आरोपियों पर दोष सिद्ध किया था।