नई दिल्ली ।। हिंदुस्तान द्वारा रूस (Russia) की सबसे दूरी की मिसाइल एस 400 रक्षा प्रणाली (S-400 Missile Air Defence System) खरीदने के फैसले पर अब ट्रंप प्रशासन ने धमकी देते हुए कहा कि ऐसा करने से रक्षा संबंधों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।
रूस (Russia) का S-400 को चाइना ने पिछले वर्ष ही रूस (Russia) से खरीद लिया था। जुलाई में इसकी डिलवरी भी कर दी गई थी। चाइना व रूस (Russia) के बीच साल 2014 में इस रक्षा प्रणाली के लिए तीन बिलियन डॉलर में डील हुई थी।
वहीं, हिंदुस्तान ने इस सिस्टम की खरीद के लिए रूस (Russia) के साथ अक्टूबर 2018 में 40 हजार करोड़ रुपये का सौदा किया था। विदेश विभाग के एक वरिष्ठ अफसर ने गुरुवार को संवाददाताओं के एक समूह को बताया कि मॉस्को से एस -400 वायु रक्षा प्रणाली खरीदने का नई दिल्ली का निर्णय महत्वपूर्ण था।
अफसर इस दृष्टिकोण से असहमत थे कि हिंदुस्तान द्वारा रूस (Russia) से एस -400 खरीदने का असर तब तक नहीं हो सकता है जब तक वह अमेरिका से अपनी सैन्य खरीद को बढ़ाता है।
अफसर ने आगे कहा कि मैं असहमत हूं। सीएएटीए प्रतिबंधों (Countering America’s Adversaries Through Sanctions Act) के कारण एस -400 महत्वपूर्ण है। भविष्य में उच्च तकनीक सहयोग के संदर्भ में, यह क्या महत्वपूर्ण है, इसकी वजह से भी महत्वपूर्ण है कि अफसर ने कहा।
CAATSA के अंतर्गत रूस (Russia) से हथियारों की खरीद पर अमेरिका कांग्रेस द्वारा कुछ प्रतिबंध लगाए गए है। वहीं अमेरिकी अफसर ने कहा कि अगर हिंदुस्तान रूस (Russia) से एस -400 मिसाइल रक्षा प्रणाली खरीदने के अपने फैसले पर आगे बढ़ा, तो इसका रक्षा संबंधों पर गंभीर प्रभाव पड़ेगा।