Lucknow. उन्नाव दुष्कर्म कांड की पीडि़ता के परिवार के लोग मंगलवार को सुबह ट्रामा सेंटर के बाहर धरना पर बैठे हैं। पीडि़ता के परिवार के लोग रायबरेली जेल में बंद चाचा के खिलाफ दर्ज सभी मुकदमा वापस लेने की मांग कर रहे हैं।
KGMU के ट्रामा सेंटर में रविवार को रायबरेली में दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल दुष्कर्म पीडि़ता का इलाज चल रहा है। पीड़िता के चाचा रायबरेली जेल में बंद हैं। उन पर विधायक के भाई पर जानलेवा हमले का आरोप है। पीडि़ता के परिवार के लोग रायबरेली जेल में बंद चाचा के खिलाफ दर्ज सभी मुकदमा वापस लेने की मांग कर रहे हैं। हत्या के प्रयास के मामले में रायबरेली जेल में बंद पीडि़ता के चाचा के खिलाफ तीन केस दर्ज हैं। परिवार के लोग महेश सिंह के खिलाफ सभी केस वापस लेने के साथ ही उनको फौरन पैरोल पर रिहा करने की मांग को लेकर धरना पर बैठे हैं।
ट्रामा सेंटर के बाहर दुष्कर्म पीडि़ता का परिवार बच्चों के साथ धरने पर बैठा है। परिवार की मांग है कि पीडि़ता के चाचा पर दर्ज सभी मुकदमें वापस लेने के साथ ही उन्हें पैरोल पर फौरन छोड़ा जाए। धरना पर बच्चों के साथ महिला व पुरुष भी हैं। यह लोग नारा लगा रहे है कि मांग न पूरी होने तक धरने पर बैठेंगे। इनको ट्रामा प्रशासन के साथ पुलिस अधिकारी मनाने में जुटे हैं।
ट्रामा सेंटर के बाहर धरने पर बैठी पीड़िता की बहन का आरोप है कि जेल में बंद बीजेपी विधायक कुलदीप सिंह सेंगर इस केस को ख़त्म करवाने के लिए पूरे परिवार की हत्या करवाना चाहता है। आरोप है कि परिवार को लगातार धमकियां मिल रही थीं। विधायक के लोग केस वापस लेने का दबाव बना रहे थे। यह भी धमकियां दी जा रही थीं कि चाचा को जेल में डलवा दिया है, अब केस वापस ले लो।
उधर ट्रामा में भर्ती दुर्घटना में घायल दुष्कर्म पीडि़ता की हालत गंभीर बनी है। पीडि़ता के साथ ही दुर्घटना में घायल वकील महेंद्र प्रताप सिंह वेंटिलेटर पर हैं। ट्रामा सेंटर में रायबरेली पुलिस भी मौजूद है।
किशोरी की चाची और मौसी के शव को अभी लखनऊ पोस्टमार्टम हाउस में ही रखा गया है। पुलिस दोनों शव को सुबह उन्नाव लाने की तैयारियों में जुटी है। सभी थानाध्यक्षों को बता दिया गया है कि किसी को किसी भी समय कहीं भी पहुंचने के लिए कहा जा सकता है।
उन्नाव दुष्कर्म कांड की पैरोकारी करने वाले पीडि़ता के चाचा महेश सिंह के खिलाफ भी तीन मुकदमे दर्ज हैैं। एक मुकदमा विधायक के भाई अतुल ने जानलेवा हमले का लिखाया था। इसमें तीन फरवरी-19 को दस वर्ष की सजा हो चुकी है। रायबरेली जेल में बंद चाचा से मिलने ही पीडि़ता जा रही थी। दूसरा मुकदमा जीआरपी ने लूट व माल बरामदगी का लिखाया था, जबकि उसके खिलाफ तीसरा मामला न्यायालय के अभिलेख में हेराफेरी का दर्ज है।