नई दिल्ली. पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने राज्य मंत्री नवजोत सिंह सिद्धू का इस्तीफा स्वीकार कर लिया है। सीएम ने इस्तीफे को पंजाब के राज्यपाल विजेंद्र पाल सिंह बदनोर को सौंप दिया है। सिद्धू का लंबे समय से मुख्यमंत्री अमरिंदर से मतभेद चल रहा था और हाल ही में मंत्रिमंडल के पुनर्गठन में उनका विभाग बदल दिया गया था, जिसके बाद उन्होंने पहले पाटीर् नेता राहुल गांधी को और फिर अमरिंदर सिंह को अपना इस्तीफा सौंप दिया था।
बता दें कि नवजोत सिंह सिद्धू ने सोमवार सुबह बताया था कि उन्होंने आज पंजाब के मुख्यमंत्री को इस्तीफा भेज दिया। यह इस्तीफा उनके आधिकारिक आवास पर भेजा गया है। वहीं, इससे पहले पंजाब के मंत्रिमंडल में फेरबदल के बाद अहम मंत्रालय छीने जाने के बाद से खफा कांग्रेस नेता नवजोत सिंह सिद्धू ने कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी को संबोधित अपने इस्तीफे को रविवार को ट्विटर पर सार्वजनिक किया था। इस इस्तीफे पर 10 जून की तारीख लिखी था। यह इस्तीफा उन्होंने उनके मंत्रालय में बदलाव किए जाने के मात्र चार दिन बाद भेजा था।
सिद्धू ने ट्विटर पर पोस्ट किए गए अपने पत्र में लिखा था कि मैं पंजाब कैबिनेट से मंत्री के तौर पर इस्तीफा देता हूं। मंत्रालय में बदलाव के बाद सिद्धू ने नयी दिल्ली में राहुल गांधी से मुलाकात की थी। इस्तीफे पर इसके एक दिन बाद की तिथि लिखी है।
पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने छह जून को सिद्धू से स्थानीय निकाय और पर्यटन एवं सांस्कृतिक मामलों के विभाग वापस ले लिए थे और उन्हें ऊर्जा एवं नवीकरणीय ऊर्जा विभाग का प्रभार सौंपा था। कैबिनेट में फेरबदल के दो दिन बाद आठ जून को सरकार के महत्वाकांक्षी कार्यक्रमों के क्रियान्वयन में तेजी लाने के लिए मुख्यमंत्री द्वारा गठित मंत्रणा समूहों से भी सिद्धू को बाहर रखा गया था।
पंजाब के कुछ मंत्रियों ने नवजोत सिंह सिद्धू के मंत्रीपद से इस्तीफा देने पर निशाना साधते हुए इसे नाटकबाजी करार दिया है। उन्होंने सिद्धू से अपने कार्यों में अधिक शालीनता दिखाने का आग्रह किया। विपक्षी शिरोमणि अकाली दल (शिअद) ने भी सिद्धू के इस्तीफे को नाटक करार दिया जबकि शिअद की सहयोगी भाजपा ने पंजाब के मुख्यमंत्री अमरिंन्दर सिंह से तुरंत सिद्धू को बर्खास्त करने की मांग की।