पटना. CAA और NRC के बाद अब राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (NPR) को लेकर सियासत गरमाती दिख रही है। उपमुख्यमंत्री (Dy।CM) सुशील कुमार मोदी (Sushil Kumar Modi) ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार (Narendra Modi Government) के फैसले का हवाला देते हुए बताया कि एनपीआर को साल 2020 में अपडेट किया जाएगा। इसके लिए बिहार में आंकड़ों का संग्रह आगामी 15 मई से 28 मई के बीच किया जाएगा।
दूसरी ओर सरकार में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) में भारतीय जनता पार्टी (BJP) के सहयोगी जनता दल यूनाइटेड (JDU) के नेता व बिहार सरकार में मंत्री श्याम रजक (Shyam Rajak) ने इसपर ऐतराज जताया है।
यूपीए सरकार के फैसले के आधार पर कर रहे काम
सुशील मोदी ने बताश कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (NPA) की सरकार के ही दौरान एक अप्रैल 2010 से 30 सितम्बर 2010 तक एनपीआर (NPR) बनाने का निर्णय लिया गया था। आगे साल 2015 में इसे आधार (Aadhar) से जोड़कर अपडेट किया गया। यूपीए सरकार के समय लिए गए फैसले के अनुरूप इस साल अप्रैल से सितम्बर के बीच 2021 की जनगणना के मकान सूचीकरण एवं मकान गणना चरण के साथ एनपीआर के आंकड़ों को अपडेट करने का निर्णय लिया गया है। उपमुख्यमंत्री ने बताया कि बिहार में एनपीआर के आकड़ाें को अपडेट करने का काम 15 से 28 मई 2020 के दौरान किया जाएगा।
जनगणना का हिस्सा, नहीं देना दस्तावेज या प्रमाण
उपमुख्यमंत्री ने बताया कि सरकार एनपीआर 2010 के ही अपडेट कर रही है, इसके लिए कोई नया रजिस्टर तैयार नहीं करवा रही। यह जनगणना का ही एक हिस्सा है। इस कार्य के दौरान किसी को कोई दस्तावेज या प्रमाण नहीं देना है।
जनगणना से कोई नहीं कर सकता इनकार
उपमुख्यमंत्री ने कहा कि जनगणना कार्य से कोई इनकार नहीं कर सकता है। इस आदेश का उल्लंघन करने पर अर्थदंड के साथ कारावास तक की सजा का प्रावधान है।
जेडीयू ने दर्ज की आपत्ति, कही ये बात
दूसरी ओर इस मुद्दे पर जेडीयू ने अलग रूख अपना कर सियासत को गरमा दिया है। जेडीयू नेता व मंत्री श्याम रजक ने कहा कि इस मुद्दे पर राज्य को फैसला करना है। जब राज्य सरकार ने कोई फैसला नहीं किया है तो सुशील मोदी ऐसा कैसे कह सकते हैं। उहोंने सुशील मोदी की बोतों को उनकी निजी राय बताया।
एनपीआर पर नीतीश सरकार के रूख पर नजर
CAA पर संसद में बीजेपी का साथ देने वाला जेडीयू NRC पर उसके खिलाफ है। विपक्ष का मानना है कि NRC का अगला कदम एनपीआर है। ऐसे में यह देखना होगा कि एनपीआर पर बिहार की नीतीश सरकार का रूख क्या होता है?