लखनऊ ।। उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने बीजेपी सरकार द्वारा बिजली की दरों में 25 प्रतिशत तक वृद्धि का प्रस्ताव का जनविरोध किया है और कहा है ये सरकार की संवेदनहीनता का उदाहरण है। सरकार को ये प्रस्ताव तत्काल वापस लेना चाहिए।
सपा अध्यक्ष ने कहा कि यूपी पावर कॉरपोरेशन ने 2019-20 के लिए शहर से लेकर गांवों तक की घरेलू बिजली दरों में 20 से 25 फीसदी वृद्धि की तैयारी कर ली है। बिजली के दाम बढ़ाना बीपीएल परिवारों और मध्यवर्ग के साथ अन्याय है। BJP सरकार में जहां एक ओर बिजली की आपूर्ति लगातार बाधित हो रही है वहीं दूसरी तरफ बिजली दरों में प्रस्तावित वृद्धि जनता पर दोहरी मार है।
वर्तमान में प्रदेश में बिजली की मांग 24,000 किलोवाट है। जबकि पिछले दो साल में 6,000 किलोवाट की अतिरिक्त मांग मे वृद्धि हुई है।
अखिलेश यादव ने कहा कि BJP जब से प्रदेश की सत्ता में आई है, जनहित के फैसलों पर रोक लग गई है। गांव और शहरो में जहां समाजवादी सरकार में विद्युत आपूर्ति की निरंतरता सुनिश्चित की गई थी वही अब BJP राज में विद्युत कटौती आम बात हो गई है। असफलता छिपाने के लिए फॉल्ट के नाम पर बिजली आपूर्ति घंटो बंद कर दी जाती है। जनता को ये धोखा देने वाला रवैया है।