भारत और दक्षिण अफ्रीका के बीच एकदिवसीय श्रृंखला के बाकी बचे तीन मैचों के लिए अफ्रीकी टीम में दिग्गज बल्लेबाज एबी डिविलियर्स की वापसी हो चुकी है। उंगली की चोट के चलते इस श्रृंखला के शुरुआती तीनों मैचों में अनुपस्थित रहे डिविलियर्स को आगामी मैचों के लिए टीम में शामिल किया गया है।
अपने शुरुआती तीनों मैच हार चुकी दक्षिण अफ्रीकी टीम के लिए यह एक राहत भरी खबर है। अनुभवहीन दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाज भारतीय स्पिनरों के सामने घुटने टेकते नज़र आए हैं। भारतीय स्पिन जोड़ी कुलदीप यादव और यजुवेंद्र चहल की फिरकी ने सिर्फ तीन मैचों में 9.05 की औसत से 21 विकेट झटके। यह दक्षिण अफ्रीकी पिचों पर भारतीय स्पिनरों की ओर से सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन है।
पिछले 25 सालों में दक्षिण अफ्रीका को एकदिवसीय मैचों में ऐसी करारी शिकस्त कभी नहीं मिली। फिलहाल भारतीय टीम दक्षिण अफ्रीकी बल्लेबाजों के अनुभव की कमी का फायदा उठाते हुए, इस 3-0 के सिलसिले को बरकरार रखना चाहेगी। लेकिन अब भारतीय टीम के सामने एबी डिविलियर्स के रूप में चिंता की घन्टी बज चुकी है। दक्षिण अफ्रीका के इस दिग्गज बल्लेबाज के पास इतना दमखम है कि यह अकेले ही किसी भी मैच का रुख बदल सकता है।
इस श्रृंखला में दक्षिण अफ्रीकी टीम सिलेक्टरों ने तीन नए खिलाड़ियों को मौका दिया, जिसमें बल्लेबाज खाया जोंडो, गेंदबाज लूंगीसनी ङ्गीदी और विकेट कीपर हेनरिच क्लासेन शामिल हैं। हालांकि ये तीनों डेब्यूटेंट अब तक उस प्रकार का प्रदर्शन करने में असफल रहे हैं, जिसके खातिर इन्हें टीम में जगह दी गई थी। फिलहाल एबी डिविलियर्स के आ जाने के बाद मिडिल ऑर्डर में अफ्रीकी टीम को मजबूती मिलने के पूरे आसार हैं।
वहीं भारतीय टीम के खिलाड़ियों की बात करें, तो कप्तान विराट कोहली का जिक्र आना तो वाजिब है। कप्तान कोहली पिछले तीन मैचों में 2 सेंचुरी जड़ चुके हैं और ऐसा लगता है कि उनके रनों की भूख अभी खत्म नहीं हुई है, बल्कि दिन-प्रतिदिन और बढ़ती ही जा रही है। पूरी दक्षिण अफ्रीकी टीम के लिए बस एक विराट कोहली का नाम सरदर्द बना हुआ है। बल्लेबाजी में कोहली को छोड़ शिखत धवन भी शानदार फॉर्म में हैं। उन्होंने पिछले मैच में 76 रनों की ताबड़तोड़ पारी खेलकर दक्षिण अफ्रीकी गेंदबाजों की नाक में दम कर दिया था।
भारतीय स्पिन जोड़ी ने जहाँ 3 मैचों में 21 शिकार किये हैं, वहीं दक्षिण अफ्रीकी स्पिनरों को महज 3 विकेट ही मिल पाया है। श्रृंखला के पहले दोनों मैचों में विकेट के लिए तरसते दक्षिण अफ्रीकी स्पिनर भी कहीं न कहीं टीम को सोचने पर मजबूर करते हैं। भारत की भुवनेश्वर और बुमराह की पेस जोड़ी भी बेहतरीन प्रदर्शन कर रही है। अब देखना ये होगा कि कल होने वाले श्रृंखला के चौथे मैच को जीतकर भारत दक्षिण अफ्रीका में इतिहास लिखने में कामयाब हो पाती है या नहीं।
कल भारतीय समयानुसार यह मैच शाम 4:30 बजे से जोहान्सबर्ग के न्यू वांडरर्स स्टेडियम पर खेला जाएगा। बात दें कि भारत ने अपना आखिरी टेस्ट मैच भी इसी मैदान पर जीता था और यह पिच भारत के लिए हर बार लकी साबित हुई है। इसलिए कल एक बार फिर भारत के जीतने के चांसेस ज्यादा हैं। अगर ऐसा होता है, तो भारतीय टीम पहली बार दक्षिण अफ्रीका के घर में कोई सीरीज जीतने में कामयाब होगी।