काशीपुर की एक महिला अपनी पहली संतान को जन्म देने के बाद बहुत खुश थी। इस दौरान यह ख़ुशी अचानक दुःख में कैसे बदल गई, यह पता भी नहीं चला। जन्म देने के बाद उस मां ने अपनी आँखों की रौशनी अचानक खो दी। बताया जा रहा है कि गर्भकाल के दौरान यह मां प्री-एक्लेमसिया नाम की बीमारी से जूझ रही थी, जिसने आंखों की रोशनी छीन ली। जबकि परिजनों ने डॉक्टर पर लापरवाही का आरोप लगाया है।
काशीपुर के पुष्प विहार आवास विकास निवासी धर्मवीर सिंह की पत्नी पुष्पा को 31 जनवरी की आधी रात को प्रसव पीड़ा होने लगी। जिसके बाद उन्हें रामनगर रोड स्थित एमपी नर्सिंग होम में भर्ती कराया गया। मौके पर मौजूद डॉ.रिची सोलंकी ने ऑपरेशन कर पुष्पा की डिलीवरी करवाई। जिसके बाद रात को करीबन 11 बजकर 36 मिनट पर पुष्पा ने एक बेटी को जन्म दिया। आईसीयू में रात करीब दो बजे पुष्पा को होश आया और इस दौरान सबकुछ ठीक था। लेकिन एक फरवरी को जनरल वार्ड में शिफ्ट होने के बाद रात करीब दो बजे पुष्पा को दिखाई देना बंद हो गया।
इसकी जानकारी पति धर्मवीर ने तुरंत अस्पताल के स्टाफ को दी। इस दौरान डॉक्टर ने बताया कि पुष्पा की नसों में सूजन है, जो शाम तक ठीक हो जाएगा, लेकिन ऐसा नही हुआ। पुष्पा की एक आंखों की रोशनी नहीं लौटी। तीन फरवरी को परिजन पुष्पा को आवास विकास स्थित आई स्पेशलिस्ट के पास ले गए। जहां जांच में पुष्पा की आंख की रोशनी चली जाने की बात का खुलासा हुआ।
वहीं वरिष्ठ स्त्री रोग विशेषज्ञ एवं सीएमएस हल्द्वानी डॉ.भागीरथी जोशी ने बताया कि प्री-एक्लेमसिया गर्भवतियों में होनेवाली एक परेशानी है। इसमें ब्लड प्रेशर बढ़ जाता है, जिससे ब्रेन हैमरेज का भी खतरा बना रहता है। नसों में सूजन आने से दिखना भी बंद हो जाता है। उधर नर्सिंग होम में प्रसव कराने वाली डॉक्टर डॉ.रिची सोलंकी का कहना है कि पुष्पा प्री-एक्लेमसिया से ग्रसित थी। इलाज में लापरवाही नहीं बरती गई है।