आज भारतीय रिजर्व बैंक की पहली मौद्रिक समीक्षा समिति की बैठक हुई। मौद्रिक नीति समिति ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है, उसने रेपो रेट को 6 फीसदी पर ही बरकरार रखा है। यह लगातार तीसरी बार है, जब भारतीय रिजर्व बैंक ने ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया है। बजट में इकोनॉमी को लेकर की गई कई घोषणाओं की वजह से यही तय माना जा रहा था कि आरबीआई ब्याज दरों में कोई कटौती नहीं करेगा।
आरबीआई ने चौथी तिमाही के लिए महंगाई 5.1 फीसदी के करीब रहने का अनुमान लगाया है। इसके लिए खाद्य उत्पादों की बढ़ती कीमतें और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कच्चे तेल की बढ़ती कीमतों को जिम्मेदार बताया जा रहा है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स के 60 अर्थशास्त्रियों के पोल में 58 ने यह संभावना जताई थी कि आरबीआई इस बार भी रेपो रेट में कटौती नहीं करेगा।
इससे पहले भी दिसंबर और अक्टूबर में हुई आरबीआई की मौद्रिक नीति समिति की बैठक में भी रेपो रेट में कोई बदलाव नहीं किया गया था। इस दौरान महंगाई और अर्थव्यवस्था की मौजूदा स्थिति को देखते हुए रेपो रेट में कोई बदलाव न करने का फैसला लिया गया है।