करियर डेस्क. सेंट्रल टीचर्स एलिजिबिलिटी टेस्ट (CTET) में हर साल अभ्यर्थियों की संख्या बढ़ती जा रही है। CBSE द्वारा ली जाने वाली इस परीक्षा में पिछले तीन सालों में अभ्यर्थियों की संख्या काफी बढ़ी है। बिहार की बात करें तो 2016 में सूबे से 10 हजार अभ्यर्थी CTET में शामिल हुए। 2019 जुलाई में दो लाख अभ्यर्थी CTET के लिए पंजीकृत हुए। इस तरह हर साल CTET देने वालों की संख्या बढ़ती जा रही है। CBSE द्वारा हर साल दो बार CTET लिया जाता है।
CBSE की मानें तो 2016 से 2017 के बीच 10 हजार अभ्यर्थी बिहार से CTET देने वाले बढ़े थे। 2017 में 20 हजार अभ्यर्थी शामिल हुए। CBSE क्षेत्रीय कार्यालय की माने तो 2018 में 40 हजार अभ्यर्थी CTET दिये थे लेकिन यह संख्या 2019 में लाख पर चल गयी। पिछले दिन हुए CTET की परीक्षा में दो लाख छात्र पंजीकृत हुए थे। इसमें लगभग 15 हजार अभ्यर्थी शामिल नहीं हुए।
साल में दो बार होती है CTET
CBSE द्वारा हर साल दो बार जून और नवंबर में CTET लिया जाता है। हर छह महीने पर अभ्यर्थी को CTET देने का मौका मिलता है। वहीं टीईटी और एसटीईटी नौ साल में तीन बार लिया गया है। इसमें एक बार एसटीईटी और दो बार टीईटी लिया गया है।
CTET के अलावा कोई विकल्प नहीं
टीईटी-एसटीईटी उत्तीर्ण शिक्षक संघ के प्रवक्ता अश्विनी पांडेय ने बताया कि बीएड करने के बाद CTET के अलावा कोई विकल्प नहीं है। इससे CTET देने वाले अभ्यर्थी हर साल बढ़ रहे हैं।
राजीव रंजन (सिटी कोआर्डिनेटर, CBSE) ने कहा- पिछले तीन सालों में CTET में काफी संख्या में अभ्यर्थी बढ़ रहे हैं। 2019 में देश भर से 14 लाख अभ्यर्थी शामिल हुए। इसमें बिहार से सबसे ज्यादा अभ्यर्थी शामिल हो रहे हैं।