एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
संजय लीला भंसाली की फिल्म ‘पद्मावत’ भारी विरोध के बीच 25 जनवरी को रिलीज हो गई। फिल्म ‘पद्मावत’ 15वीं सदी के सूफी संत मलिक मोहम्मद जायसी के महाकाव्य ‘पद्मावत’ पर आधारित है। हिंसक विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर गांव के सबसे नजदीकी राय बरेली के थिअटर्स ने फिल्म अपने सिनेमाघर में नहीं दिखाई। इस वजह से जायसी के गांव के लोगों को ही फिल्म देखने को नहीं मिली।
गांव के ही एक व्यक्ति मोहम्मद निजाम खान का कहना है कि जायसी की ‘पद्मावत’ में अवधी और फारसी मसनवी स्टाइल का संगम हिंदू और मुसलमान के बीच भाईचारे की मिसाल है। मिलन सिनेमा के मैनेजर आनंद कुमार यादव ने कहा कि डिस्ट्रिब्यूटर्स ने छोटे शहरों में फिल्म रिलीज नहीं की है, क्योंकि उन्हें उपद्रवियों का डर है, लेकिन उन्होंने कहा कि वह कुछ दिन के बाद अपना सिनेमाघर में फिल्म को दिखाने की कोशिश करेंगे।
मनिका थिअटर के मैनेजर जय मिश्रा ने बताया कि 17 जनवरी को करणी सेना वहां पहुंची और फिल्म दिखाने के लिए मना किया। हालांकि मिश्रा ने बताया कि पुलिस की ओर से सुरक्षा का आश्वासन दिया गया है, लेकिन उनकी चिंता बनी हुई है।