संवाददाता,
सेंट पीटर्स स्कूल पंचगनी में आयोजित “अपने प्रिय लेखक से मिलिए” कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए विल्फ्रेड नरोन्हा ने बताया, ‘पूरी दुनिया में संवेदनहीनता का खतरा मंडरा रहा है। ऐसी स्थिति में एक रचनाकार ही लोगों में संवेदनशीलता पैदा कर सकता है। आज की नई पीढ़ी कल का भविष्य तय करेगी। इसलिए इनके लेखन को सही दिशा देना हमारी जिम्मेदारी बनती है।’ कार्यक्रम के मुख्य अतिथि संजीव निगम ने छात्रों को लेखन- प्रक्रिया से संबंधित बारीकियों की विस्तार से चर्चा करते हुए बताया ‘साहित्य हमें दृष्टि देता है। यही दृष्टि जीवन की तमाम समस्याओं को हल करने में सहायक होती है। एक सफल रचनाकार सहृदय पाठक भी होता है। अतः लेखन में रूचि रखने वाले छात्रों को कहानियां, कविताएं, उपन्यास आदि पढ़ते रहना चाहिए।’ इस अवसर पर विभिन्न विद्यालयों से आए छात्र स्वरचित गीत, कहानी, कविता और आत्मकथा पढ़कर सुनाए। प्रश्नकाल के दौरान सबकी सहभागिता कार्यक्रम की सफलता का आधार बनी। कार्यक्रम का आद्यंत सूत्र संचालन डॉ. जितेन्द्र पाण्डेय ने किया। सुनील माने ने आमन्त्रित अतिथियों के प्रति आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर जयवंत भिलारे, राकेश त्रिपाठी, चन्द्रवदन आढाव और राम शेलके सहित कई गणमान्य मौजूद थे।