न्यूज़ डेस्क | navpravah.com
कोरोना संकट के बीच पहली बार हुई जीएसटी काउंसिल की बैठक हुई। इस बैठक के दौरान व्यापारियों की सबसे बड़ी समस्या जीएसटी लेट फ़ीस में राहत दी गई है। बैठक में छोटे टैक्सपेअर्स को राहत देने की बात पर भी सहमति बन गई है।
सालाना 5 करोड़ रुपये से कम टर्नओवर वाले कारोबारियों को फरवरी से जून 2020 के बीच रिटर्न फाइल करने पर सिर्फ 9 फीसदी ब्याज चुकाना होगा।
जीएसटी काउंसिल ने बैठक के दौरान कई महत्वपूर्ण फ़ैसले लिए, आइए सिलसिलेवार तरीक़े से जानते हैं काउंसिल की बैठक के फ़ैसले के बारे में-
जुलाई 2017 से जनवरी 2020 तक लेट फीस माफ की गई। जिनकी जीएसटी निल होगी, उन कारोबारियों की लेट फीस माफ होगी। GTB 3B के लिए लेट फीस 500 रुपये/महीने देना होगा। 5 करोड़ रुपये से कम टर्नओवर पर 18% की जगह 9% ब्याज लगेगा।
वित्त मंत्री ने जीएसटी काउंसिल की बैठक के बाद कहा, जुलाई, 2017 से जनवरी, 2020 के दौरान मासिक जीएसटी बिक्री रिटर्न दाखिल नहीं करने पर अधिकतम लेट चार्ज 500 रुपये तय किया गया। यानी कोरोना वायरस शुरू होने से पहले जिन कारोबारियों पर टैक्स की देनदारी थी उनका लेट फीस कम कर दिया गया है।
इसके अलावा जुलाई, 2017 से जनवरी, 2020 के दौरान शून्य जीसटी रिटर्न वाली रजिस्टर्ड यूनिट पर भी कोई लेट फीस नहीं लगेगा। वहीं 5 करोड़ रुपये से कम टर्नओवर वाले कारोबारियों को फरवरी से जून 2020 के बीच रिटर्न फाइल करने पर सिर्फ 9 फीसदी ब्याज चुकाना होगा।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने प्रेस कॉन्फ्रेंस में बताया कि काउंसिल कई महत्वपूर्ण क्षेत्रों में भी शुल्क ढाँचा सुधारने की कोशिश में लगी है, ताकि व्यापारियों की समस्या को कम किया जा सके।