पाकिस्तान की अमेरिका को धमकी, ‘हक़्क़ानी नेटवर्क के खिलाफ सबूत दो, या हम पर तानाशाही न चलाओ’

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एनपी न्यूज़ डेस्क|Navpravah.com

चोरी कर के सीनाजोरी दिखाने वाले चोरों को तो आपने देखा ही होगा, पर क्या ऐसे किसी देश के विषय में सुना है? नहीं सुना या देखा हो, तो ज़्यादा दूर जाने की ज़रूरत नहीं, बस अपने पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान पर नज़र डाल लीजिये। दुनिया भले पाकिस्तान को आतंकवाद का आका मानती हो, पाकिस्तान सीना ठोक कर अपनी हर हरकत का सबूत मांगने से नहीं चूकता। अब की बार तो पाकिस्तान ने सारी हदें पार करते हुए सीधे दुनिया के सबसे सशक्त देश अमेरिका से सबूत पेश करने की मांग कर दी है। जी हां!
पाकिस्तान ने अपने देश में फल-फूल रहे आतंकी संगठन हक्कानी नेटवर्क पर कार्रवाई करने के लिए अमेरिका के सामने सबूत पेश करने की शर्त रखी है। यानि अपने ही देश में, अपनी ही नाक के नीचे कौनसा आतंकवादी संगठन किस हद तक सक्रीय है, यह पाकिस्तान को खबर नहीं है!

पाकिस्तान ने कहा कि अगर अमेरिका हक्कानी नेटवर्क की मौजूदगी का सबूत देता है, तो वह संयुक्त ऑपरेशन के जरिये इसे खत्म करने के लिए तैयार है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा, “यदि अमेरिका देश में खतरनाक आतंकवादी संगठनों की मौजूदगी के बारे में सबूत उपलब्ध कराता है, तो वह हक्कानी नेटवर्क जैसे संगठनों को अमेरिका के साथ साझा सैनिक अभियान के जरिये खत्म करने को तैयार है।”

आसिफ, जिन्होंने हाल ही में वॉशिंगटन का दौरा किया और ट्रम्प प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारियों से मिले, उन्होंने बताया कि हमने ट्रम्प प्रशासन के अधिकारियों से पेशकश की है कि वह पाकिस्तान आएं और हक्कानी नेटवर्क से जुड़े सबूत उपलब्ध करायें। उन्होनें कहा, “अगर हक्कानी नेटवर्क से जुड़ी गतिविधियों का पता चलता है, तो पाकिस्तानी सेना अमेरिका के साथ मिलकर उन्हें पूरी तरह से खत्म करने को तैयार है।”

विदेश मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने इस महीने की शुरुआत में अफगानिस्तान की यात्रा के दौरान राष्ट्रपति अशरफ गनी से मुलाकात कर उन्हें भी इसी तरह की पेशकश की थी।

उन्होंने अमेरिका के कड़े रुख पर प्रतिक्रिया देते हुए अमेरिका को चुनौती दी, “अगर ट्रंप प्रशासन ने हम पर और दबाव डाला, तो हमारे मित्र देश खासतौर पर चीन, रूस, ईरान और तुर्की हमारे पक्ष में खड़े होंगे। अमेरिकी रक्षा और विदेश मंत्री हम पर तानाशाही करते हैं, तो हम उनकी तानाशाही मानने से इनकार कर देंगे। अब हम वह करेंगे, जो हमारे देश के हित में होगा।”

आपको बता दें कि इससे पहले ट्रंप ने पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए कहा था कि पाकिस्तान आतंकियों के लिए जन्नत बन गया है। साथ ही पाकिस्तान पर कड़ा रुख अपनाते हुए उन्होंने कहा था कि पाक आतंकवाद के खिलाफ अपनी जंग को अमली जामा पहना कर दिखाए।
अमेरिका को उम्मीद थी कि शायद पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज़ आ जायेगा, लेकिन सबूत की मांग कर और अमेरिका की कार्रवाही को तानाशाही बता कर पाकिस्तान ने साबित कर दिया है कि वह अपनी टेढ़ी चाल से बाज़ नहीं आयेगा।

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