सौम्या केसरवानी | Navpravah.Com
उप मुख्यमंत्री मौर्या ने एक संवाददाता सम्मेलन में कहा कि शिवपाल चाहें तो अपने मोर्चे का बीजेपी में विलय कर सकते हैं, उन्होंने कहा लेकिन फिलहाल बीजेपी के पास किसी दल के साथ मिलकर चुनाव लड़ने की गुंजाइश नहीं है।
आपको बता दें कि 2019 में होने वाले लोकसभा चुनाव में समाजवादी पार्ती के लिए अखिलेश की चाचा शिवपाल यादव ही उनके लिए सबसे बड़ी मुसीबत बनें हुए हैं, समाजवादी पार्टी से अलग होकर शिवपाल सिंह यादव ने नई राजनीतिक पार्टी का गठन कर लिया है।
शिवपाल की पार्टी का नाम प्रगतिशील समाजवादी पार्टी है, प्रगतिशील समाजवादी पार्टी का रजिस्ट्रेशन चुनाव आयोग में भी करा दिया गया है, शिवपाल यादव के अनुसार 2019 के लोकसभा चुनावों में उनकी यह पार्टी प्रत्येक सीट पर चुनाव लड़ेगी।
उत्तर प्रदेश में समाजवादी पार्टी के दो फाड़ हो जाने के बाद राजनीतिक समीकरण बिल्कुल बदल गया है, शिवपाल यादव की पार्टी ने चुनाव आयोग से कार, मोटरसाइकिल या चक्र चुनाव चिन्ह की मांग की है, समाजवादी सेक्युलर मोर्चा के संस्थापक और अध्यक्ष शिवपाल सिंह यादव ने मेरठ में दावा किया था कि उन्होंने बड़े भाई मुलायम सिंह यादव को अपने मोर्चा से 2019 का चुनाव लड़ने का प्रस्ताव दिया है।