अभिजीत मिश्र,
इंटरनेशनल ट्रिब्यूनल द्वारा दक्षिणी सागर में चीन के दावे को ख़ारिज किए जाने के बाद चीन ने कहा है कि ये उनके ज़मींन के हक़ की बात है। वह अपने क्षेत्र में आने वाली एक इंच जमीन भी नहीं छोड़ेगा। चीन के डिप्लोमेट मिनिस्टर येंग जिशि ने कहा, संप्रभुता का मामला चीन के लिए बहुत अहम बात है।
साथ ही ये भी कहा कि चीन एक विशाल और ऐतिहासिक देश है। यह हमारे पूर्वजों द्वारा बनाई गई हमारे लिए एक विरासत है, हम इसका एक इंच भी किसी के लिए छोड़ नहीं सकते। भारत के साथ सीमा वार्ता में शामिल होने वाले डिप्लोमैट मंत्री येंग को बेहद महत्वपूर्ण समझा जा रहा है, क्योंकि येंग चीन के बेहद प्रभावशाली प्रतिनिधि हैं, जो भारत के अजीत डोवाल से मिलने वाले हैं।
चीन लगातार अरुणांचल प्रदेश को दक्षिणी चीन का हिस्सा मानता है और उसे अपना अधिकार क्षेत्र मानता है। विस्तारवादी सोच से पीड़ित चीन का ध्यान सिर्फ अभी दक्षिणी चीन सागर की ओर है जहाँ उसके विरोध में फिलीपिन्स, वियतनाम, मलेशिया और ब्रूनेई आदि देश हैं। चीन के विदेश मंत्रालय लू कांग ने सभी देशों को धमकी भरी चेतावनी देते हुए कहा है कि चीन के विरुद्ध किसी भी प्रकार की सुरक्षा कार्यवाही का जवाब देने में चीन कोई देर नहीं करेगा।