पारुल पाण्डेय | Navpravah.com
चीन के डेप्युटी सेक्रटरी यांग शियाओडू ने बड़े आक्रामक तरीके से देश को भ्रष्टाचार से बचाने की हिदायत दी है। उन्होंने बुधवार को एक संपादकीय में कहा है, कि यदि चीन खुद को सोवियत संघ की तरह तबाह होने से बचाना चाहता है, तो उसे भ्रष्टाचार के खिलाफ लड़ाई को मजबूती से लड़ना होगा। यांग ने कहा कि अगर भ्रष्टाचार के खिलाफ सटीक कार्रवाई में देश नाकाम रहा, तो यह देश के भविष्य के लिए घातक है। बता दें कि यांग को पिछले महीने सत्ताधारी कम्युनिस्ट पार्टी के पोलित ब्यूरो में शामिल किया गया था।
कमजोर विचारधारा और निरिक्षण है जिम्मेदार-
पिछले प्रशासन कि कड़ी रूप से निंदा करते हुए यांग ने कहा, ‘पिछली सरकार में पार्टी का नेतृत्व पूरी तरह ढीला पड़ गया था ।जिसका अहम कारण कमजोर निरीक्षण और विचारधारा है।’ सरकारी अखबार पीपल्स डेली में यांग ने लिखा कि भ्रष्टाचार इस हद तक बढ़ गया है कि अगर उसे नियंत्रित नहीं किया गया तो देश का स्वरूप बदल जाएगा। और चीन कि हालत सोवियत यूनियन और ईस्टर्न ब्लॉक जैसी हो सकती है।’
सोवियत यूनियन के विघटन का अध्ययन जरुरी-
यांग की बात पर सहमति जताते हुए राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने भी यह माना कि सत्ता पर पकड़ ढीली होने से तबाही मच सकती है और देश का विघटन शुरू होगा। ऐसे में उनकी पार्टी हमेशा अपने काडर से कहती है कि वह सोवियत यूनियन के विघटन का अध्ययन करें। यांग का संपादकीय इस बात की ओर इशारा करता है कि चिनफिंग के दाहिने हाथ माने जाने वाले वांग क्विशान की विदाई के बाद भी भ्रष्टाचार के खिलाफ चिनफिंग की लड़ाई कमजोर नहीं होगी। पिछले महीने पार्टी नेतृत्व में हुए बदलाव से पहले वांग को चीन का दूसरा सबसे शक्तिशाली राजनेता माना जाता था। उन्हें ऐंटी करप्शन के चीफ पद से हटा दिया गया था।
वांग की जगह नए चीफ बनाए गए झाओ लेजी ने भी इसी तरह का एक संपादकीय पिछले शनिवार को लिखा था। संपादकीक में यांग ने चिनफिंग के भ्रष्टाचार के खिलाफ छेड़े गए अभियान कि तारीफ़ करते हुए कहा है कि पार्टी में अब कुछ भ्रष्ट तत्व मौजूद हैं। यह लड़ाई बहुत ही गंभीर है जिसे रोकने के लिए सिर्फ आक्रामक होकर आगे बढ़ना होगा।