सौम्या केसरवानी। Navpravah.com
भारतीय क्रिकेट टीम के पूर्व कप्तान तथा राज्यसभा सांसद सचिन तेंदुलकर आज पहली बार राज्यसभा में ‘राइट टु प्ले’ मुद्दे पर अपनी बात रखने वाले थे, लेकिन विपक्ष के हंगामे की वजह से सदन की कार्यवाही ही स्थगित कर दी गई।
अगर आज सचिन तेंदुलकर संसद में ‘खेल के अधिकार’ पर बोल पाते, तो वर्ष 2012 में राज्यसभा सदस्य मनोनीत किए जाने के बाद उनका यह पहला भाषण होता। अभी अक्टूबर में सचिन तेंदुलकर ने पीएम मोदी को खत लिखकर आग्रह किया था कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतकर लाने वाले प्रत्येक खिलाड़ी को केंद्र सरकार की स्वास्थ्य योजना का पात्र बनाया जाए।
सचिन ने अपने खत में हॉकी के पूर्व खिलाड़ी मोहम्मद शाहिद का ज़िक्र करते हुए कहा था कि वह अपने अंतिम दिनों में बीमारी से जूझ रहे थें। तेंदुलकर ने लिखा कि स्वास्थ्य मंत्रालय ने इस विचार का समर्थन किया है, लेकिन 14 सितंबर को अपने जवाब में सीजीएचएस योजना के तहत विस्तृत रूप से खिलाड़ियों पर विचार करने में अक्षमता जताई है।
कहा जा रहा था कि आज सचिन अपने भाषण में खेल और खिलाड़ियों की दशा और उनके लिए भारत में की गईं व्यवस्थाओं का ज़िक्र करने वाले थे, लेकिन हंगामे के चलते वह अपनी बात सदन में नही रख पाये।