सौम्या केसरवानी | Navpravah.com
लोकसभा चुनाव के साथ ही 11 राज्यों के विधानसभा चुनाव कराने की बीजेपी की योजना पर कांग्रेस ने अपना पक्ष रखा है, कांग्रेस ने आज बयान जारी करके कहा है कि अगर प्रधानमंत्री मोदी एक साथ चुनाव चाहते हैं तो लोकसभा भंग कर दें।
दूसरी ओर कांग्रेस का कहना है कि अभी एक देश, एक चुनाव संभव नहीं है, इसके लिए संविधान में संशोधन करना पड़ेगा। कांग्रेस ने कहा है कि अगर पीएम मोदी लोकसभा भंग करते हैं तो चुनाव के लिए हमारी तैयारी पूरी है।
वन नेशन वन इलेक्शन की बढ़ती मांग के बीच बीजेपी लोकसभा के साथ-साथ 11 विधानसभा चुनाव करा सकती है, सूत्रों के मुताबिक इसके लिए संविधान में किसी भी तरह के संशोधन की जरूरत भी नहीं है।
कुछ वर्गों की ओर से इन संकेतों के बीच कि लोकसभा का चुनाव अगले वर्ष के शुरू में 11 विधानसभाओं के साथ कराने को लेकर प्रयास किये जा सकते हैं, भाजपा ने ‘‘खर्च पर अंकुश’’ के लिए एकसाथ चुनाव कराने पर जोर दिया है, जिसके लिए बीजेपी शासित तीन राज्यों का चुनाव विलंबित किया जा सकता है।
भाजपा सूत्रों ने यद्यपि कहा कि राज्यों का चुनाव विलंबित करने या पहले कराने को लेकर कोई ठोस प्रस्ताव नहीं है और इस विचार पर पार्टी के भीतर औपचारिक रूप से चर्चा नहीं की गई है क्योंकि ऐसे कदमों की संवैधानिक वैधता को ध्यान में रखना होगा.
देश में लोकसभा और विधानसभा चुनाव एक साथ कराने की पुरजोर वकालत करते हुए भाजपा अध्यक्ष अमित शाह ने कहा कि इससे चुनाव पर बेतहाशा खर्च पर लगाम लगाने और देश के संघीय स्वरूप को मजबूत बनाने में मदद मिलेगी।
भाजपा अध्यक्ष ने कहा कि यह आधारहीन दलील है कि एक साथ चुनाव देश के संघीय स्वरूप के खिलाफ है, उन्होंने कहा कि एक साथ चुनाव कराने से देश का संघीय स्वरूप मजबूत होगा, विधि आयोग को लिखे आठ पन्नों के पत्र में शाह ने कहा कि एक साथ चुनाव कराने का विरोध करना राजनीति से प्रेरित लगता है।