एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
एक आरटीआई एक्टिविस्ट रोहित सभरवाल ने पीएमओ से जानकारी मांगी थी कि 1998 से लेकर अब तक देश के प्रधानमंत्री के कपड़ों पर कितना पैसा खर्च किया गया है। इस काल अवधि में प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह भी आते हैं। पीएमओ ने अपने जवाब में आरटीआई एक्टिविस्ट सभरवाल को स्पष्ट रूप से कहा था कि मांगी गई सुचना व्यक्तिगत किस्म की है और इसे सरकारी रिकॉर्ड में शामिल नहीं किया जाता है। पीएमओ ने अपना जवाब में आगे कहा कि पीएम के निजी लिबास पर खर्च की गई राशि सरकार वहन नहीं करती है।
आरटीआई कार्यकर्त्ता पीएमओ द्वारा जवाब देने के बाद अब भाजपा ने भी विपक्षी दलों को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि विपक्षी दलों को समझ जाना चाहिए कि वह सब बेकार में विवाद निर्माण कर रहे थे। भाजपा नेता जीवन गुप्ता ने एक निजी अख़बार से कहा कि अगर देश का प्रधानमंत्री अच्छे कपडे पहनता है, तो इससे देश की अच्छी छवि बनती है। उन्होंने मात्र एक बार देसजिनेर सूट पहना था, जिसे बाद में नीलाम कर दिया गया था। सूट की नीलामी से मिली धनराशि को स्वच्छ भारत अभियान में उपयोग किया गया था। पीएम मोदी ने यह सूट अमरीकी राष्ट्रपति बराक ओबामा के भारत दौरे के दौरान पहना था।
गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी के पीएम बनने के कुछ समय बाद ही उनका सूट विवादों में आ गया था। उनके पूरे सूट पर उनका नाम नरेंद्र दामोदर दास मोदी छपा हुआ था। माना जाता है कि इस सूट की कीमत करीब 10 लाख रुपए तक थी। इस सूट को लेकर पीएम मोदी की कांग्रेस ने खूब आलोचना की थी। राहुल गाँधी ने उस समय केंद्र सरकार पर तंज कसते हुए उन्हें सूट बूट की सरकार तक कह दिया था।