सौम्या केसरवानी । Navpravah.com
असम के स्वास्थ्य मंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने गुवाहाटी में शिक्षकों को नियुक्ति पत्र वितरित करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में कहा कि कुछ लोग कैंसर जैसी घातक बीमारियों से इसलिए ग्रस्त हैं, क्योंकि उन्होंने अतीत में पाप किये हैं और यह ईश्वर का न्याय है। मंत्री के इस टिप्पणी की राजनीतिक दलों और कैंसर के मरीजों ने कड़ी आलोचना की है।
आलोचना के बाद भी हिमंत विश्व शर्मा ने इस विवादित बयान के लिए माफी नहीं मांगी और चिदंबरम पर अपने बयान के गलत बयानी का आरोप लगाया। उनके अनुसार उन्होंने बस यह कहा था कि हिंदू धर्म में यह मान्यता है कि पिछले जन्म के कर्मों से मनुष्य के दु:ख जुड़े हुए हैं। इसके साथ ही हिमंत विश्व शर्मा ने चिदंबरम से पूछा कि क्या आप यह नहीं मानते हैं?
पी चिदंबरम ने मंत्री के कैंसर वाले बयान की आलोचना करने के साथ ही उनके कांग्रेस से बीजेपी पर शामिल होने पर भी तंज कसा था, क्योंकि हिमंत विश्व शर्मा ने अगस्त 2015 में कांग्रेस छोड़कर बीजेपी जॉइन कर ली थी।
इन टिप्पणियों पर कड़ी प्रतिक्रिया देते हुए कांग्रेसी नेता देबब्रत साइकिया ने कहा, ‘‘यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि स्वास्थ्य मंत्री ने कैंसर के मरीजों की भावनाओं को ठेस पहुंचाने वाली टिप्पणियां कीं हैं। इसके लिए मंत्री को सार्वजनिक रूप से माफी मांगनी चाहिए।’’ वहीं AIUDF के नेता अमिनुल इस्लाम ने कहा कि मंत्री ने ऐसा बयान इसलिए दिया क्योंकि वह राज्य में कैंसर की रोकथाम में नाकाम रहे हैं। हालांकि राज्य के कैंसर संस्थान डॉ बी बरुआ कैंसर इंस्टि्टयूट के चिकित्सा अधीक्षक ने इस बयान को गंभीर नहीं माना और कहा मंत्री ने ये बयान सामाजिक दृष्टिकोण से देखकर दिया होगा।