पारुल पाण्डेय | Navpravah.com
बुधवार को आंध्र प्रदेश के विशाखापत्तनम में एक दिल दहला देने वाली घटना सामने आई है। यहाँ महिला को न सिर्फ सरेआम पीटा गया, बल्कि उसके कपड़े भी उतरवाए गए। यह निर्दई व्यवहार केवल भूमि विवाद के कारण किया गया। इस घटना का आरोप तेलगु देशम पार्टी (टीडीपी) के नेताओं पर लगाया जा रहा है।
पेंदुर्थी ब्लॉक स्थित जेरिपोथुलापालम गांव में मंगलवार शाम को यह घटना घटी, लेकिन जब बुधवार को स्थानीय सामाजिक संगठन और लेफ्ट नेताओं के इस मामले में शिकायत दर्ज कराई, तो यह मामला सामने आया। इस संगठन और नेताओं ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर विरोध प्रदर्शन भी किया। पुलिस ने इस मामले में कुल छह लोगों को हिरासत में ले लिया है। जबकि, पीड़ित महिला को शहर के किंग जॉर्ज हॉस्पिटल में भर्ती कराया है।
सूत्रों के अनुसार, महिला पर निर्दई व्यवहार करने वाले आरोपी तेलगु देशम पार्टी के बताए जा रहे हैं, जिनमें दो महिलाएं भी सम्मिलित हैं। स्थानीय लोगों के अनुसार, गांव में सर्वे संख्या 77 के तहत कृषि भूमि पर 14 दलित परिवार रह रहे थे और इस जमीन पर खेती भी करते थे। सरकार ने उन्हें करीब एक दशक पहले यह भूमि दी थी। उसी से सटी हुई जमीन बाद में आंध्र प्रदेश बेवरेजेस कॉरपोरेशन को एक बॉटलिंग कंपनी स्थापित करने के लिए दी गई।
सीपीआई में ग्रेटर विशाखापत्तनम, शहर के किनारे है इसलिए इसके दाम बढ़ गए हैं। इसी वजह से कुछ लोग इस जगह को नकली दस्तावेजों के जरिए हथियाना चाह रहे हैं, जिन्हें सत्तारूढ़ दल का समर्थन भी मिल रहा है, जबकि दलितों ने इसका पुरज़ोर विरोध किया है और वे हाईकोर्ट से अपने पक्ष में आदेश भी लेकर आए हैं।
घटना के अगले दिन भूमि हथियाने वाले उन्हीं लोगों से दलितों की झड़प हुई। इस दौरान स्थानीय राजनेताओं ने उनका विरोध करने वाली एक दलित महिला की पिटाई की। जिसके बाद महिला के कपड़े भी उतरवा दिए गए। इतना ही नहीं मौके पर मौजूद अन्य दलितों के साथ गाली गलौज भी की। घटना के बाद पीड़ित महिला ने पेंदुर्थी थाने में आरोपियों के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई, जिसमें छह टीडीपी नेताओं ने नाम थे। सीपीआई नेता ने आगे बताया कि पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला तो दर्ज नहीं किया था, लेकिन दलितों के आंदोलन करने की धमकी पर उन्होंने दोपहर को आरोपियों को हिरासत में लिया। फिर उनके खिलाफ मामला दर्ज किया।