एनपी न्यूज़ डेस्क | Navpravah.com
लखनऊ पासपोर्ट विवाद अब इतने दिनों बाद सुलझ गया है। क्षेत्रीय पासपोर्ट ऑफिस ने तन्वी और अनस को उनका पासपोर्ट रिन्यू कर वापस कर दिया है।
आज दोनों को मामले के समाधान के लिए पासपोर्ट ऑफिस बुलाया गया था। जहां उन्हें पासपोर्ट सौंप दिया गया, वहीं दोनों से बदसलूकी करने वाले पासपोर्ट अधिकारी का ट्रांसफर कर दिया गया।
मामले की जानकारी देते हुए क्षेत्रीय पासपोर्ट अधिकारी पीयूष वर्मा ने बताया कि आज उनकी समस्या का समाधान कर दिया गया है और दोनों को पासपोर्ट दे दिया गया है।
बता दें कि, 2007 में लखनऊ में तन्वी सेठ से विवाह करने वाले मोहम्मद अनास सिद्दीकी ने 19 जून को पासपोर्ट के लिए आवेदन किया था और 20 जून को लखनऊ में पासपोर्ट कार्यालय में उनको अपॉइंटमेंट मिला था।
तय शुदा तारीख पर जब दोनों ऑफिस पहुंचे तो काउंटर ए और बी में साक्षात्कार के पहले दो चरणों को मंजूरी दे दी लेकिन काउंटर सी पर समस्या शुरू हुई, जहां पर किसी को आधिकारिक से बातचीत करनी पड़ती है।
अनस के बताया कि, मेरी पत्नी की बारी मुझ से पहले आई और वह काउंटर सी 5 पहुंची, विकास मिश्रा नामक एक अधिकारी ने उनके दस्तावेजों को देखना शुरू कर दिया। जब उसने पति के नाम मोहम्मद अनास सिद्दीकी के रूप में पढ़ा, तो उसने मेरी पत्नी पर चिल्लाना शुरू कर दिया और कहा कि उसे मुझसे शादी नहीं करनी चाहिए थी, यह सुनकर तन्वी रोने लगी।
इसके बाद विकास मिश्रा ने कहा कि उन्हें एक बदले गए नाम से सभी दस्तावेजों को सही किया जाना चाहिए, इस पर तन्वी ने कहा कि हम नाम बदलना नहीं चाहते हैं और हमारे परिवार को हमारे नामों में कोई समस्या नहीं है।
अनस के मुताबिक उसके बाद मिश्रा ने उन्हें बुलाया और मुझे अपमानित करना शुरू कर दिया, उन्होंने कहा कि मुझे हिंदू धर्म में परिवर्तित करना होगा और मेरी शादी स्वीकार नहीं की जाएगी, आपको फेरे लेकर हमारे धर्म में परिवर्तित होना होगा।