राम मन्दिर भूमि पूजन मामला: स्वरूपानंद सरस्वती के बयान पर भड़के संत, रोड़ा अटकाने का आरोप

• शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती ने भूमि पूजन मुहूर्त को कहा अशुभ।
• स्वरूपानंद सरस्वती के बयान पर संतों में रोष। 
न्यूज़ डेस्क | नवप्रवाह न्यूज़ नेट्वर्क 
राम मन्दिर निर्माण के भूमिपूजन को लेकर विवाद तेज़ हो गया है। ज्योतिष पीठाधीश्वर द्वारका शंकराचार्य स्वामी स्वरूपानन्द सरस्वती द्वारा निर्माण के लिए निकाली गई तिथि को अशुभ बताए जाने पर संतों में रोष उत्पन्न हो गया है। संतों ने तीखी प्रतिक्रिया देते हुए शंकराचार्य सरस्वती को शास्त्रार्थ की चुनौती दी है।
शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती की टिप्पणी ने संतों की मंडली में खलबली पैदा कर दिया है। संतों ने चुनौती दी है कि शंकराचार्य स्वरूपानंद सरस्वती यह सिद्ध करें कि भाद्र पक्ष की भादो अशुभ होती है। भादो में भगवान श्रीकृष्ण का जन्म हुआ था और यह संपूर्ण मास शुभ होता है। जिस माह में देवता अवतार लेते हैं, उस माह को शुभ माना जाता है।
संतों ने स्पष्ट किया कि प्रमुख रूप से दो अवतार होते हैं राम अवतार और कृष्णा अवतार। राम अवतार चैत्र में हुआ था, इसलिए चैत्र का संपूर्ण मास शुभ होता है। भादो में भगवान कृष्ण ने जन्म लिया था, इसलिए भादो का भी संपूर्ण माह शुभ है। किसी भी तरीके के मंदिरों की भूमि पूजन होने के बाद सभी ग्रह नक्षत्र अनुकूल हो जाते हैं।

तपस्वी छावनी के महंत परमहंस दास ने कहा कि भादो में भगवान कृष्ण का जन्म उत्सव मनाया जाता है और भादो का संपूर्ण माह पवित्र है। भगवान श्री राम का नाम लेने मात्र से ही सारे अमंगल नष्ट हो जाते हैं। सरस्वती को चुनौती देते हुए संत परमहंस दास ने कहा कि इस मामले पर आकर मुझसे शास्त्रार्थ करें। उन्होंने कहा कि भगवान राम के मंदिर निर्माण के कार्य में रोड़ा अटका रहे हैं।

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