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राम मंदिर निर्माण के लिए मंगाए जा रहे पत्थरों को लेकर मामला गर्म होता नज़र आ रहा है. बुधवार को संसद में जब इस मामले पर नारेबाजी शुरू हुई तो सरकार ने यह कहकर सबको आश्वासन दिया कि मामला अभी न्यायालय में है और जब तक कोर्ट का आदेश नहीं आता तब तक कुछ भी नहीं किया जाएगा. और जो भी आदेश न्यायालय का होगा वह सर्वमान्य होगा. संसद भवन में आश्वासन तो मिल गया लेकिन अयोध्या में मामला गर्म होता दिख रहा है.
दरअसल बाबरी मस्जिद के एक मुद्दई हाजी महबूब ने माहौल को देखते हुए कहा कि मामला अभी कोर्ट में है और अगर बिना निर्णय के मंदिर बनाने के लिए पत्थर मंगाए जाएंगे तो हम भी मस्जिद के निर्माण हेतु पत्थर मंगाएंगे. यही नहीं, अयोध्या में पहली बार बारहवफात के मौके पर अंजुमन की शक्ल में बाबरी मस्जिद को दिखाकर इस नए टकराव की झलक भी दिखाई दी.
अयोध्या में राम मंदिर निर्माण को लेकर गरमाते माहौल को देखते हुए प्रदेश की अखिलेश सरकार भी चौकन्नी हो गई है. राज्य सरकार ने कहा कि किसी को भी माहौल बिगाड़ने की इजाज़त नहीं है. अगर कोई ऐसा करता पाया गया तो उसके साथ कड़ी कार्रवाई की जाएगी. राज्य सरकार ने स्थिति को देखते हुए प्रशासन व्यवस्था को और भी मज़बूत कर दिया है.
रामलला के मुख्य पुजारी आचार्य सतेंद्र दास ने कहा कि मुसलामानों ने यह लिखित दिया है कि जहां रामलला विराजमान हैं वह मंदिर है. इसलिए मस्जिद का नाम लेकर साम्प्रदायिक विवाद न फैलाई जाए. मस्जिद बनाने की बात गलत है, जो लोग ऐसा सोच रहे है वह ऐसा सोचना बंद कर दें.