By Amit Dwivedi@Navpravah.com
व्यापमं घोटाले की जांच कर रहे पत्रकार अक्षय की संदिग्ध हालत में हुई मौत ने लोगों का उस शक को यकीन में बदल दिया है जिसमें कहा जा रहा था कि इस घोटाले में ऐसे लोग शामिल हैं जो नहीं चाहते कि उनका असली चेहरा लोगों के सामने आये।
क्या है व्यापमं घोटाला..?
व्यापमं घोटाले की वजह से लगातार हो रही मौतों को लेकर यह बात हर व्यक्ति के मन में आ रही है कि आखिर ये घोटाला है क्या? दरअसल व्यापमं एक प्रोफेशनल एजुकेशन का संक्षिप्त रूप है, जिसके तहत राज्य में प्री-मेडिकल टेस्ट, प्री इंजीनियरिंग टेस्ट और कई सरकारी नौकरियों के एग्जाम होते हैं। यह एक मंडल के रूप में काम करता है। लेकिन व्यापमं परीक्षा प्रक्रिया ने घोटाले की शक्ल तब अख्तियार कर लिया जब कॉन्ट्रैक्ट टीचर वर्ग-1 और वर्ग-2 और मेडिकल एग्जाम में ऐसे लोगों को उत्तीर्ण किया गया, जिनकी योग्यता परीक्षा में शामिल होने की भी नहीं थी। इस मामले में सरकारी नौकरियों में करीब हजार से अधिक और मेडिकल एग्जाम में करीब 500 से ज्यादा भर्तियां शक के घेरे में हैं।
घेरे में शिवराज भी-
व्यापमं घोटाले में कई गणमान्यों के इतर मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज भी घेरे में हैं। वही इस मामले में हो रहे लगातार मर्डर्स की वजह से मामला और भी पेंचीदा होता जा रहा है।
घोटाले के आग की लपट में ये भी-
इस घोटाले में आईपीएस अधिकारी व डीआईजी आरके शिवहरे, अरबिंदो मेडिकल कॉलेज के विनोद भंडारी, पूर्व मंत्री लक्ष्मीकांत शर्मा और उनके ओएसडी ओपी शुक्ला जैसी शख्सियत पर अंगुलियां उठ रही हैं।
45 लोगों की मौत-
अब तक व्यापमं घोटाले से जुड़े 45 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें राज्यपाल रामनरेश यादव के बेटे की मौत भी शामिल है। आधिकारिक तौर पर हालांकि 25 मौतों की पुष्टि की गई है। फिलहाल मामला एसआईटी के हाथ में है।
विपक्ष का प्रहार-
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह ने शिवराज सिंह पर हमला बोला। उन्होंने कहा कि हर मसले की सीबीआई जांच कराने वाले शिवराज अब इस जांच से क्यों कतरा रहे हैं।