अनुज हनुमत,
लखनऊ। यूपी में विधानसभा चुनाव होने में अभी छः महीने से भी ज्यादा का समय बाकी है, लेकिन सूबे की राजनीति में समय समय पर सियासी हवाएँ गर्म देखी जा रही हैं। कल ऐसी ही एक तस्वीर तब सामने आई, जब तमाम अटकलों के बीच सोमवार देर शाम उत्तर प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष निर्मल खत्री ने अपना इस्तीफा कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को भेज दिया।
खत्री के इस्तीफे के बाद प्रदेश में फौरन नए कांग्रेस अध्यक्ष की तलाश शुरू हो गई है, इसके लिए पार्टी आलाकमान में फिर माथापच्ची शुरू हो गई है। सूत्रों की मानें तो कांग्रेस पार्टी यूपी में अपने चुनावी रणनीतिकार प्रशांत किशोर उर्फ़ ‘पीके’ की नए प्रदेश अध्यक्ष के लिए किसी ब्राह्मण चेहरे के सुझाव पर गौर कर सकती है। इसके लिए प्रशांत किशोर कई हफ़्तों से पार्टी आलाकमान के ऊपर दबाव बना रहे थे। जिसमें उन्होंने अगले मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के लिए भी ब्राह्मण चेहरे को ही आवश्यक बताया था।
बताया जा रहा है कि मंगलवार को नए प्रदेश अध्यक्ष के नाम की घोषणा कर दी जायेगी और पार्टी प्रशांत किशोर के सुझाव को मान सकती है। आपको बता दें की नए प्रदेश अध्यक्ष की इस रेस में जितिन प्रसाद, प्रमोद तिवारी और राजेश मिश्रा का नाम सबसे आगे है। जिसमें प्रमोद तिवारी पार्टी की सबसे पहली पसन्द नजर आ रहे हैं ।
जानकारी के लिए बताते चलें कि प्रशांत किशोर ने कांग्रेस को अपने परम्परागत वोट बैंक ब्राह्मण और मुस्लिम (बम) पर फोकस करने का सुझाव दिया था क्योंकि इस समय ये दोनों जातियां किसी भी पार्टी को जीत का ताज पहना सकती हैं। खासकर प्रदेश में ब्राह्मण वोट बैंक पर हर पार्टी की नजर रहती है और ऐसे कांग्रेस इस वोट बैंक को कैसे छोड़ सकती है। जिसे मानते हुए गुलाम नबी आजाद को यूपी कांग्रेस का प्रभारी बनाया गया। जिसके बाद से ही मीडिया में निर्मल खत्री के इस्तीफे को लेकर चर्चा थी।
गौर करने वाली बात यह है कि अगर सब कुछ प्रशांत किशोर की रणनीति के मुताबिक चला, तो राजेश मिश्रा को कांग्रेस की कमान मिलना तय माना जा रहा है। क्योंकि वो प्रशांत किशोर की पहली पसन्द है। हालांकि जितिन प्रसाद और प्रमोद तिवारी भी इस रेस में बने हुए हैं। अब देखना दिलचस्प होगा कि कांग्रेस आगामी विधानसभा को ध्यान में रखते हुए कमान से कौन सा तीर आजमाती है।