सौम्या केसरवानी । Navpravah.com
मोदी सरकार नई नीतियों के जरिए न्यू इंडिया की नींव रखने की तैयारी कर रही है, लेकिन रिजर्व बैंक ने इसके लिए सरकार को चेताया है। हाल ही में आरबीआई ने मॉनिटरी पॉलिसी के जरिए मोदी सरकार को रेड अलर्ट किया है। आरबीआई ने कहा है कि अगर इन खतरों पर ध्यान नहीं दिया गया, तो हालात और बिगड़ सकते हैं।आरबीआई ने जो संभावनाएं जताई हैं, उससे अगर मोदी सरकार नहीं निपटती है, तो पीएम मोदी को 2019 के आम चुनाव में नुकसान हो सकता है।
रिजर्व बैंक ने अपनी मॉनिटरी पॉलिसी में साफ कहा है कि देश के आर्थिक हालात सुधरे हैं, कॉरपोरेट जगत में भी अच्छी तेजी है, लेकिन कंपनियों की लागत बढ़ी है। ऐसे में कंपनियां अपनी लागत वसूलने के लिए इसका बोझ ग्राहकों पर डाल सकती हैं। वित्त मंत्री अरुण जेटली ने भी बजट भाषण में यह आशंका जताई थी कि अगर कच्चे तेल की कीमतें बढ़ेंगी, तो देश को नुकसान होगा। कच्चे तेल की कीमतें 70 डॉलर प्रति बैरल के आसपास हैं, अगर यह और बढ़ती हैं तो इकोनॉमी को मजबूती की ओर ले जाना मुश्किल हो सकता है।
आरबीआई ने मॉनिटरी पॉलिसी में कहा है कि राजकोषीय घाटा बढ़ने से विदेशी निवेशकों को न्यौता देना घातक हो सकता है। भारत में घाटा बढ़ने और विकसित देशों की आर्थिक नीति सामान्य होने से भारत के लिए विदेशों से पैसा जुटाना मुश्किल होगा। ऐसे में विदेशी निवेशकों से हाथ धोना पड़ सकता है।