केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने स्कूलों को चेताया है कि स्कूल बोर्ड परीक्षा देने की योग्यता रखने वाले किसी भी परीक्षार्थी का प्रवेश पत्र नहीं रोका जा सकता है।
केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) ने स्कूलों को जारी परामर्श में कहा है कि उसके ध्यान में कुछ ऐसी घटनाएं आई हैं, जिसमें कुछ स्कूलों ने प्रीबोर्ड टेस्ट में विद्यार्थियों के प्रदर्शन का हवाला देते हुए कई बोर्ड परीक्षार्थियों का प्रवेश पत्र रोका है। इसके अलावा कुछ स्कूलों की ओर से प्रवेश पत्र जारी करने के एवज में फीस वसूली जा रही है।
इस संदर्भ में कहा गया है कि स्कूलों की ओर से परीक्षार्थियों का प्रवेश पत्र रोकने की घटना को बोर्ड गंभीर मानता है। यह सीबीएसई के नियमों की अनदेखी है। सीबीएसई के परीक्षा नियंत्रक के के चौधरी की ओर से जारी परामर्श में कहा गया है कि बोर्ड की ओर से दसवीं एवं 12वीं बोर्ड परीक्षा के परीक्षार्थियों का प्रवेश पत्र तभी जारी किया जात है जब स्कूल की ओर से विद्यार्थी को योग्य माना जाता है और उसकी सूची तैयार करके उसे बोर्ड को भेजा जाता है। इसके बाद इस तरह से विद्यार्थियों का प्रवेश पत्र रोकना गलत है। स्कूल किसी भी योग्य परीक्षार्थी को न तो प्रैक्टिकल और न ही थ्योरी परीक्षा में बैठने से रोक सकता है।