सौम्या केसरवानी | Navpravah.com
केरल में बाढ़ का पानी कम हो गया है, लेकिन इसके साथ ही लोगों के लिए और दूसरी समस्याएं खड़ी हो गई हैं। चारों ओर पानी ही पानी है, लेकिन लोगों को पीने के पानी के लिए दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। लेकिन असली परेशानी ग्रामीण इलाकों की है, जहाँ जल स्रोत बाढ़ के पानी में डूबे हुए हैं।
ऐसे में पीने का पानी कहां से आए, ये सबसे बड़ी समस्या है। केरल को इस सबसे बड़ी समस्या से अब गुजरात की बस निजात दिलाएगी। इस खास बस को सेंट्रल साल्ट एंड मरीन केमिकल्स रिसर्च इंस्टीट्यूट (CSMCRI) भावनगर ने तैयार किया है, मौके की नजाकत को देखते हुए इसे केरल के लिए रवाना कर दिया गया है।
टाइम्स ऑफ इंडिया की रिपोर्ट के अनुसार, ये 40 फीट लंबी बस एक बड़े वाटर प्यूरीफायर का काम करती है, ये बस दूर दराज के इलाकों में जाकर एक दिन में करीब 40 हजार लीटर पीने का पानी प्यूरीफाई कर सकती है।
CSMCRI के वरिष्ठ वैज्ञानिक डॉ. संजय पाटिल ने बताया कि मेंब्रेन साइंस और सेपरेशन टेक्नोलॉजी डिवीजन इस बस का हिस्सा हैं, इस बस में मौजूद प्लांट किसी भी तरह के पानी को फिल्टर करने की क्षमता रखता है। डॉ. पाटिल ने बताया कि ये बस तिरुवनंतपुरम के 250 किमी के क्षेत्र में रहेगी, ये केरल वाटर अथॉरिटी की मदद से वहां पर काम करेगी, ये बस 23 किलोवाट के पावर पर काम करती है, जो इसके इंजन के साथ जुड़ा हुआ है।